भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90A | पाँच वर्षीय पुराने इलेक्ट्रानिक अभिलेख के बारे में उपधारणा | Indian Evidence Act Section- 90A in hindi| Presumption as to electronic records five years old.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90A के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90A, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 90A का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 90A के अन्तर्गत जहाँ कोई इलेक्ट्रानिक अभिलेख, जो पाँच वर्ष पुराना होना तात्पर्यित है या साबित किया गया है, किसी अभिरक्षा से पेश किया जाता है, जिसे न्यायालय विशिष्ट मामले में समुचित समझता है, वहाँ न्यायालय उपधारणा कर सकेगा कि इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर, जो किसी विशिष्ट व्यक्ति का इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर होना तात्पर्यित है, उसके द्वारा या इसके लिए उसके द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति द्वारा इस प्रकार किया गया था।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90A के अनुसार

पाँच वर्षीय पुराने इलेक्ट्रानिक अभिलेख के बारे में उपधारणा-

जहाँ कोई इलेक्ट्रानिक अभिलेख, जो पाँच वर्ष पुराना होना तात्पर्यित है या साबित किया गया है, किसी अभिरक्षा से पेश किया जाता है, जिसे न्यायालय विशिष्ट मामले में समुचित समझता है, वहाँ न्यायालय उपधारणा कर सकेगा कि इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर, जो किसी विशिष्ट व्यक्ति का इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर होना तात्पर्यित है, उसके द्वारा या इसके लिए उसके द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति द्वारा इस प्रकार किया गया था।

Presumption as to electronic records five years old-
Where any electronic record, purporting or proved to be five years old, is produced from any custody which the Court in the particular case considers proper, the Court may presume that the Electronic signature which purports to be the Electronic signature of any particular person was so affixed by him or any person authorised by him in this behalf.

स्पष्टीकरण- इलेक्ट्रानिक अभिलेख को समुचित अभिरक्षा में होना कहा जाता है, यदि वे ऐसे स्थान में, जिसमें और ऐसे व्यक्ति की देखरेख के अधीन, जिसके पास वे स्वाभाविक रूप से हों किन्तु कोई अभिरक्षा अनुचित नहीं है यदि यह साबित किया जाता है कि उसका मूल वैध है या विशिष्ट मामले की परिस्थितियों ऐसी हैं, जो कि मूल को सम्भव बनाये।
यह स्पष्टीकरण धारा 81-क को भी लागू होती है।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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