भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 93 | संदिग्धार्थ दस्तावेज को स्पष्ट करने या उसका संशोधन करने के साक्ष्य का अपवर्जन | Indian Evidence Act Section- 93 in hindi| Exclusion of evidence to explain or amend ambiguous document.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 93 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 93, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 93 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 93 के अन्तर्गत जब किसी दस्तावेज में प्रयुक्त भाषा देखते ही संदिग्धार्थ या त्रुटिपूर्ण है, तब उन तथ्यों का साक्ष्य नहीं दिया जा सकेगा, जो उनका अर्थ दर्शित या उसकी त्रुटियों की पूर्ति कर दे।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 93 के अनुसार

संदिग्धार्थ दस्तावेज को स्पष्ट करने या उसका संशोधन करने के साक्ष्य का अपवर्जन-

जबकि किसी दस्तावेज में प्रयुक्त भाषा देखते ही संदिग्धार्थ या त्रुटिपूर्ण है, तब उन तथ्यों का साक्ष्य नहीं दिया जा सकेगा, जो उनका अर्थ दर्शित या उसकी त्रुटियों की पूर्ति कर दे।

Exclusion of evidence to explain or amend ambiguous document-
When the language used in a document is, on its face, ambiguous or defective, evidence may not be given of facts which would show its meaning or supply its defects.

दृष्टान्त
(क) ख को क 1,000 रुपयों या 1,500 रुपयों में एक घोड़ा बेचने का लिखित करार करता है। यह दर्शित करने के लिए कि कौन-सा मूल्य दिया जाना था, साक्ष्य नहीं दिया जा सकता।
(ख) किसी विलेख में रिक्त स्थान है। उन तथ्यों का साक्ष्य नहीं दिया जा सकता जो यह दर्शित करते हों कि उनकी किस प्रकार पूर्ति अभिप्रेत थी।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 93 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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