भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 95 | विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य | Indian Evidence Act Section- 95 in hindi| Evidence as to document unmeaning in reference to existing facts.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 95 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 95, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 95 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 95 के अन्तर्गत जब दस्तावेज में प्रयुक्त में भाषा स्वयं स्पष्ट हो, किन्तु विद्यमान तथ्यों के सन्दर्भ में अर्थहीन हो, तो यह दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा कि वह एक विशिष्ट भाव में प्रयुक्त की गई थी।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 95 के अनुसार

विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य-

जबकि दस्तावेज में प्रयुक्त में भाषा स्वयं स्पष्ट हो, किन्तु विद्यमान तथ्यों के सन्दर्भ में अर्थहीन हो, तो यह दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा कि वह एक विशिष्ट भाव में प्रयुक्त की गई थी।

Evidence as to document unmeaning in reference to existing facts-
When language used in a document is plain in itself, but is unmeaning in reference to existing facts, evidence may be given to show that it was used in a peculiar sense.

दृष्टान्त
ख को क “मेरा कलकत्ते का गृह” विलेख द्वारा बेचता है।
क का कलकत्ते में कोई गृह नहीं था, किन्तु यह प्रतीत होता है कि उसका हावड़ा में एक गृह था, जो विलेख के निष्पादन के समय से ख के कब्जे में था।
इन तथ्यों को यह दर्शित करने के लिए साबित किया जा सकेगा कि विलेख का सम्बन्ध हावड़ा के गृह से था।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 95 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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