आईपीसी की धारा 460 | रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन में संयुक्ततः सम्पृक्त समस्त व्यक्ति दण्डनीय हैं, जबकि उनमें से एक द्वारा मृत्यु या घोर उपहति कारित की हो | IPC Section- 460 in hindi| All persons jointly concerned in lurkng house-trespass or house breaking by night punishable where death or grievous hurt caused by one of them.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 460 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 460 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 460 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 460 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। यदि रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन करते समय ऐसे अपराध का दोषी कोई व्यक्ति स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति कारित करेगा या मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, तो वह धारा 460 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 460 के अनुसार

रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन में संयुक्ततः सम्पृक्त समस्त व्यक्ति दण्डनीय हैं, जबकि उनमें से एक द्वारा मृत्यु या घोर उपहति कारित की हो-

यदि रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन करते समय ऐसे अपराध का दोषी कोई व्यक्ति स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति कारित करेगा या मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, तो ऐसे रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन करने में संयुक्तत: सम्पृक्त हर व्यक्ति, आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

All persons jointly concerned in lurkng house-trespass or house breaking by night punishable where death or grievous hurt caused by one of them-
If, at the time of the committing of lurking house-trespass by night or house breaking by night, any person guilty of such offence shall voluntarily cause or attempt to cause death or grievous hurt to any person, every person jointly concerned in committing such lurking house-trespass by night or house-breaking by night, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन में संयुक्ततः सम्पृक्त समस्त व्यक्ति दण्डनीय हैं, जबकि उनमें से एक द्वारा मृत्यु या घोर उपहति।
सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 460 के अंतर्गत यदि रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन करते समय ऐसे अपराध का दोषी कोई व्यक्ति स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति कारित करेगा या मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, तो वह आजीवन कारावास से या दोनों में से, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 460 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नही मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन में संयुक्ततः सम्पृक्त समस्त व्यक्ति दण्डनीय हैं, जबकि उनमें से एक द्वारा मृत्यु या घोर उपहति।आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।संज्ञेयगैर-जमानतीयसेशन न्यायालय द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 460 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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