किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-104) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 104 के अनुसार इस अधिनियम में अपील और पुनरीक्षण संबंधी उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, समिति या बोर्ड इस निमित्त प्राप्त किसी आवेदन पर अपने द्वारा पारित किन्हीं आदेशों को संशोधित कर सकेगा जो उस संस्था के बारे में हों, जिसमें किसी बालक को भेजा जाना है या उस व्यक्ति के बारे में हों, जिसकी देखरेख या पर्यवेक्षण में किसी बालक को इस अधिनियम के अधीन रखा जाना है, जिसे JJ Act Section-104 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 104 (Juvenile Justice Act Section-104) का विवरण
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 104 JJ Act Section-104 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) इस अधिनियम में अपील और पुनरीक्षण संबंधी उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, समिति या बोर्ड इस निमित्त प्राप्त किसी आवेदन पर अपने द्वारा पारित किन्हीं आदेशों को संशोधित कर सकेगा जो उस संस्था के बारे में हों, जिसमें किसी बालक को भेजा जाना है या उस व्यक्ति के बारे में हों, जिसकी देखरेख या पर्यवेक्षण में किसी बालक को इस अधिनियम के अधीन रखा जाना है।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 104 (JJ Act Section-104 in Hindi)
समिति या बोर्ड की अपने आदेशों को संशोधित करने की शक्ति-
1) इस अधिनियम में अपील और पुनरीक्षण संबंधी उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, समिति या बोर्ड इस निमित्त प्राप्त किसी आवेदन पर अपने द्वारा पारित किन्हीं आदेशों को संशोधित कर सकेगा जो उस संस्था के बारे में हों, जिसमें किसी बालक को भेजा जाना है या उस व्यक्ति के बारे में हों, जिसकी देखरेख या पर्यवेक्षण में किसी बालक को इस अधिनियम के अधीन रखा जाना है :
परंतु ऐसे किन्हीं आदेशों का संशोधन करने के लिए सुनवाई के दौरान बोर्ड के कम से कम दो सदस्य, जिनमें से एक प्रधान मजिस्ट्रेट होगा और समिति के कम से कम तीन सदस्य और संबंधित सभी व्यक्ति या उनके प्राधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित होंगे, जिनके विचारों को उक्त आदेश का संशोधन करने के पूर्व, यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा सुना जाएगा ।
(2) समिति या बोर्ड द्वारा पारित आदेशों में की लिपिकीय भूलों या उनमें किसी आकस्मिक चूक या लोप से होने वाली गलतियां किसी समय, यथास्थिति, समिति या बोर्ड द्वारा या तो स्वप्रेरणा से या इस निमित्त प्राप्त किसी आवेदन पर सुधारी जा सकेंगी।
Juvenile Justice Act Section-104 (JJ Act Section-104 in English)
Power of the Committee or the Board to amend its own orders-
(1) Without prejudice to the provisions for appeal and revision contained in this Act, the Committee or the Board may, on an application received in this behalf, amend any orders passed by itself, as to the institution to which a child is to be sent or as to the person under whose care or supervision a child is to be placed under this Act:
Provided that during the course of hearing for amending any such orders, there shall be at least two members of the Board of which one shall be the Principal Magistrate and at least three members of the Committee and all persons concerned, or their authorised representatives, whose views shall be heard by the Committee or the Board, as the case may be, before the said orders are amended.
(2) Clerical mistakes in orders passed by the Committee or the Board or errors arising therein from any accidental slip or omission may, at any time, be corrected by the Committee or the Board, as the case may be, either on its own motion or on an application received in this behalf.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 104 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।