किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act) की धारा -13 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा-13 के अनुसार, यदि कोई किशोर कानून का उल्लंघन करता पाया जाता है और किशोर न्याय बोर्ड किशोर को विशेष गृह में रखने का आदेश देता है, परिभाषित किया गया है।
किशोर कानून का उल्लंघन करता पाया जाता है और किशोर न्याय बोर्ड किशोर को विशेष गृह में रखने का आदेश देता है, तो निम्नलिखित प्रावधान लागू होंगे:
- किशोर को निगरानी गृह या सुरक्षित स्थान पर तब तक रखा जाएगा जब तक कि उसे जेजेबी के सामने पेश नहीं किया जाता है।
- जेजेबी मामले की जांच करेगा और यह निर्धारित करेगा कि किशोर को विशेष गृह में भेजा जाना चाहिए या जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
- अगर जेजेबी किशोर को विशेष गृह में भेजने का फैसला करता है, तो वह उस अवधि को निर्दिष्ट करेगा जिसके लिए किशोर को वहां रखा जाना है, जो तीन साल से अधिक नहीं होगी।
- विशेष गृह किशोर को शैक्षिक, व्यावसायिक और कौशल निर्माण के अवसरों के साथ-साथ परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
- विशेष गृह यह सुनिश्चित करेगा कि किशोर किसी भी प्रकार के शारीरिक या मानसिक शोषण या शोषण का शिकार न हो।
- किशोर को अपने परिवार के सदस्यों, कानूनी सहायता और अन्य व्यक्तियों के साथ संवाद करने की अनुमति होगी जो किशोर की सहायता कर सकते हैं।
- जेजेबी समय-समय पर किशोर के मामले की समीक्षा करेगा और यदि उचित समझे तो निर्दिष्ट अवधि की समाप्ति से पहले किशोर की रिहाई का आदेश दे सकता है।
माता-पिता, संरक्षक अथवा परिवीक्षा अधिकारी को इत्तिला- (1) जहां विधि का उल्लंघन करने वाले अभिकथित किसी बालक को गिरफ्तार किया जाता है वहां उस पुलिस थाने या विशेष किशोर पुलिस एकक का बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के रूप में पदाभिहीत अधिकारी, जिसके पास ऐसा बालक लाया जाता है, बालक की गिरफ्तारी के पश्चात् यथाशक्यशीघ्र (i) ऐसे बालक के माता-पिता या संरक्षक को, यदि उनका पता चलता है, इत्तिला देगा और उन्हें निदेश देगा कि वह उस बोर्ड के समक्ष उपस्थित हो जिसके समक्ष बालक को पेश किया जाएगा; और (ii) परिवीक्षा अधिकारी को, या यदि कोई परिवीक्षा अधिकारी उपलब्ध नहीं है तो बाल कल्याण अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर एक सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट, जिसमें बालक के पूर्ववृत्त और कौटुम्बिक पृष्ठभूमि के बारे में तथा अन्य ऐसी तात्विक परिस्थितियों के बारे में जानकारी अंतर्विष्ट होगी, जिनके बारे में यह संभाव्य है कि वे जांच करने में बोर्ड के लिए सहायक होंगी, तैयार करने और बोर्ड को प्रस्तुत करने के लिए इत्तिला देगा | (2) जहां बालक को जमानत पर छोड़ दिया जाता है वहां बोर्ड द्वारा परिवीक्षा अधिकारी या बाल कल्याण अधिकारी को इत्तिला दी जाएगी। Information to parents, guardian or probation officer- (1) Where a child alleged to be in conflict with law is apprehended, the officer designated as Child Welfare Police Officer of the police station, or the special juvenile police unit to which such child is brought, shall, as soon as possible after apprehending the child, inform- (i) the parent or guardian of such child, if they can be found, and direct them to be present at the Board before which the child is produced; and (ii) the probation officer, or if no probation officer is available, a Child Welfare Officer, for preparation and submission within two weeks to the Board, a social investigation report containing information regarding the antecedents and family background of the child and other material circumstances likely to be of assistance to the Board for making the inquiry. (2) Where a child is released on bail, the probation officer or the Child Welfare Officer shall be informed by the Board.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 13 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।