नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 198A के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 198A, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 198A का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -198A के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के अधीन सड़क के डिजाइन या संनिर्माण या रख-रखाव के सुरक्षा मानकों के लिए उत्तरदायी कोई अभिहित प्राधिकारी, संविदाकार, परामर्शी या ग्राही सड़क डिजाइन, संनिर्माण और रखरखाव के ऐसे मानकों का अनुपालन करना इत्यादि परिभाषित किया गया है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 198A के अनुसार
सड़क डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के मानकों का अनुपालन करने में असफल रहना-
(1) सड़क के डिजाइन या संनिर्माण या रख-रखाव के सुरक्षा मानकों के लिए उत्तरदायी कोई अभिहित प्राधिकारी, संविदाकार, परामर्शी या ग्राही सड़क डिजाइन, संनिर्माण और रखरखाव के ऐसे मानकों का अनुपालन करेगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर विहित किए जाएं।
(2) जहां उपधारा (1) के अधीन उत्तरदायी किसी अभिहित प्राधिकारी, संविदाकार, परामर्शी या ग्राही द्वारा सड़क डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के मानकों का अनुपालन करने में असफल रहने के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु या निःशक्तता होती है वहां ऐसा प्राधिकारी या संविदाकार या ग्राही ऐसे जुर्माने से दंडनीय होगा, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा और उसका संदाय धारा 164ख के अधीन गठित निधि में किया जाएगा।
(3) उपधारा (2) के प्रयोजनों के लिए न्यायालय विशिष्ट रूप से निम्नलिखित विषयों को ध्यान में रखेगा, अर्थात् :-
(क) सड़क की विशेषताएं और ऐसे यातायात की प्रकृति और किस्म जिसके द्वारा उसे युक्तियुक्त रूप से सड़क के डिजाइन के अनुसार उपयोग किया जाना संभावी है;
(ख) उस विशेषता की सड़क और ऐसे यातायात द्वारा उपयोग के लिए लागू रख-रखाव संनियमों का मानक;
(ग) मरम्मत की वह स्थिति जिसमें सड़क को उपयोग करने वाले उस सड़क को पाए जाने की प्रत्याशा करते हैं;
(घ) क्या सड़क के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी अभिहित प्राधिकारी यह जानता था या उससे यह जानने की युक्तियुक्त रूप से प्रत्याशा की जा सकती थी कि सड़क के उस भाग की, जिससे कार्रवाई संबंधित है, स्थिति के कारण सड़क का उपयोग करने वालों के खतरे में पड़ने की संभावना थी;
(ङ) क्या सड़क के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी अभिहित प्राधिकारी से युक्तियुक्त रूप से यह प्रत्याशित था कि वह हेतुक उद्भूत होने से पूर्व सड़क के उस भाग की मरम्मत करता;
(च) क्या सड़क चिह्नों के माध्यम से सड़क की स्थिति के संबंध में पर्याप्त चेतावनी सूचनाएं प्रदर्शित की गई थी; और
(छ) ऐसे अन्य विषय, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं ।
स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “संविदाकार” पद में उप-संविदाकार और ऐसे सभी व्यक्ति सम्मिलित होंगे. जो किसी भी प्रक्रम पर सडक के भाग के डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के लिए उत्तरदायी हैं।
Failure to comply with standards for road design, construction and maintenance-
(1) Any designated authority, contractor, consultant or concessionaire responsible for the design or construction or maintenance of the safety standards of the road shall follow such design, construction and maintenance standards, as may be prescribed by the Central Government from time to time.
(2) Where failure on the part of the designated authority, contractor, consultant or concessionaire responsible under sub-section (1) to comply with standards for road design, construction and maintenance, results in death or disability, such authority or contractor or concessionaire shall be punishable with a fine which may extend to one lakh rupees and the same shall be paid to the Fund constituted under section 164B.
(3) For the purposes of sub-section (2), the court shall in particular have regard to the following matters namely:-
(a) the characteristics of the road, and the nature and type of traffic which was reasonably expected to use it as per the design of road;
(b) the standard of maintenance norms applicable for a road of that character and use by such traffic;
(c) the state of repair in which road users would have expected to find the road;
(d) whether the designated authority responsible for the maintenance of the road knew, or could reasonably have been expected to know, that the condition of the part of the road to which the action relates was likely to cause danger to the road users;
(e) whether the designated authority responsible for the maintenance of the road could not reasonably have been expected to repair that part of the road before the cause of action arose;
(f) whether adequate warning notices through road signs, of its condition had been displayed; and (g) such other matters as may be prescribed by the Central Government.
Explanation- For the purposes of this section, the term “contractor” shall include sub-contractors and all such persons who are responsible for any stage in the design, construction and maintenance of a stretch of road.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 198A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।