पॉक्सो एक्ट की धारा 42 | आनुकल्पिक दण्ड | Pocso Act Section- 42 by in hindi | Alternate punishment.

POCSO Section-42

नमस्कार दोस्तों, आज हम पॉक्सो एक्ट की धारा 42 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 42? साथ ही हम आपको POCSO ACT की धारा 42 क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 42 का विवरण

पॉक्सो एक्ट की धारा 45 के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 166क, धारा 354क, धारा 354ख, धारा 354ग, धारा 354घ, धारा 370, धारा 370क, धारा 375, धारा 376, 2[ धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख], [ धारा 376ङ, धारा 509 के अधीन या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) की धारा 67ख के अधीन] के अधीन भी दण्डनीय कोई अपराध गठित होता है वहां, तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ऐसे अपराध का दोषी पाया गया अपराधी उस दण्ड का भागी होगा, जो इस अधिनियम के अधीन या भारतीय दण्ड संहिता के अधीन मात्रा में गुरुतर है, तो यह पॉक्सो एक्ट की धारा 42 आनुकल्पिक दण्ड को परिभाषित करती है।

पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 42 के अनुसार

आनुकल्पिक दण्ड-

जहां किसी कार्य या लोप से इस अधिनियम के अधीन और भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 166क, धारा 354क, धारा 354ख, धारा 354ग, धारा 354घ, धारा 370, धारा 370क, धारा 375, धारा 376, 2[ धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख], [ धारा 376ङ, धारा 509 के अधीन या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) की धारा 67ख के अधीन] के अधीन भी दण्डनीय कोई अपराध गठित होता है वहां, तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ऐसे अपराध का दोषी पाया गया अपराधी उस दण्ड का भागी होगा, जो इस अधिनियम के अधीन या भारतीय दण्ड संहिता के अधीन मात्रा में गुरुतर है।

Alternate punishment-
Where an act or omission constitutes an offence punishable under this Act and also under sections 166A, 354A, 354B, 354C, 354D, 370, 370A, 375, 376, 2[376A, 376AB, 376B, 376C, 376D, 376DA, 376DB], ³[376E, section 509 of the Indian Penal Code or section 67B of the Information Technology Act, 2000 (21 of 2000)], then, notwithstanding anything contained in any law for the time being in force, the offender found guilty of such offence shall be liable to punishment under this Act or under the Indian Penal Code as provides for punishment which is greater in degree.

हमारा प्रयास पॉक्सो एक्ट की धारा 42 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
धन्यवाद

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