भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-136) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 136 के अनुसार जहाँ कि मूलऋणी को समय देने की संविदा लेनदार किसी पर-व्यक्ति से, न कि मूलऋणी से की जाती है वहां प्रतिभू उन्मोचित नहीं होता, जिसे IC Act Section-136 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 136 (Indian Contract Act Section-136) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 136 IC Act Section-136 के अनुसार जहाँ कि मूलऋणी को समय देने की संविदा लेनदार किसी पर-व्यक्ति से, न कि मूलऋणी से की जाती है वहां प्रतिभू उन्मोचित नहीं होता।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 136 (IC Act Section-136 in Hindi)
जब कि मूलऋणी को समय देने का करार पर-व्यक्ति से किया जाता है तब प्रतिभू उन्मोचित नहीं होता–
जहाँ कि मूलऋणी को समय देने की संविदा लेनदार किसी पर-व्यक्ति से, न कि मूलऋणी से की जाती है वहां प्रतिभू उन्मोचित नहीं होता।
दृष्टांत
ग एक ऐसे अतिशोध्य विनिमय-पत्र का धारक है, जिसे क ने ख के प्रतिभू के रूप में लिखा और ख ने प्रतिगृहीत किया है। ख को समय देने की संविदाङ से ग करता है। क उन्मोचित नहीं होता।
Indian Contract Act Section-136 (IC Act Section-136 in English)
Surety not discharged when agreement made with third person to give time to principal debtor-
Where a contract to give time to the principal debtor is made by the creditor with a third person, and not with the principal debtor, the surety is not discharged.
Illustration
C, the holder of an overdue bill of exchange drawn by A as surety for B, and accepted by B, contracts with M to give time to B. A is not discharged.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 136 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।