कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-34 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 34 के अनुसार इस अध्याय के अधीन जारी, परिचालित या वितरित किए गए किसी प्रास्पेक्टस में कोई ऐसा कथन सम्मिलित है, जो प्ररूप या संदर्भ में जिसमें उसे सम्मिलित किया गया है, असत्य या भ्रामक है या जहां किसी विषय के सम्मिलित या लोप किए जाने से किसी भ्रम होने की संभावना है, जिसे Companies Act Section-34 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 34 (Companies Act Section-34) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 34 Companies Act Section-34 के अनुसार इस अध्याय के अधीन जारी, परिचालित या वितरित किए गए किसी प्रास्पेक्टस में कोई ऐसा कथन सम्मिलित है, जो प्ररूप या संदर्भ में जिसमें उसे सम्मिलित किया गया है, असत्य या भ्रामक है या जहां किसी विषय के सम्मिलित या लोप किए जाने से किसी भ्रम होने की संभावना है।
कंपनी अधिनियम की धारा 34 (Companies Act Section-34 in Hindi)
प्रास्पेक्टस में अशुद्ध कथनो के लिए आपराधिक दायित्व–
जहां इस अध्याय के अधीन जारी, परिचालित या वितरित किए गए किसी प्रास्पेक्टस में कोई ऐसा कथन सम्मिलित है, जो प्ररूप या संदर्भ में जिसमें उसे सम्मिलित किया गया है, असत्य या भ्रामक है या जहां किसी विषय के सम्मिलित या लोप किए जाने से किसी भ्रम होने की संभावना है, वहां ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो ऐसे प्रास्पेक्टस का जारी किया जाना प्राधिकृत करेगा, धारा 447 के अधीन दायी होगा:
परंतु इस धारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी, यदि वह यह साबित कर देता है कि ऐसा कथन या लोप सारहीन था या उसके पास यह विश्वास करने के युक्तियुक्त आधार थे और वह प्रास्पेक्टस जारी किए जाने के समय तक यह विश्वास करता रहा था कि कथन सत्य है या सम्मिलित किया जाना अथवा लोप किया जाना आवश्यक है।
Companies Act Section-34 (Company Act Section-34 in English)
Criminal liability for mis-statements in prospectus–
Where a prospectus, issued, circulated, or distributed under this Chapter, includes any statement which is untrue or misleading in form or context in which it is included or where any inclusion or omission of any matter is likely to mislead, every person who authorizes the issue of such prospectus shall be liable under section 447:
Provided that nothing in this section shall apply to a person if he proves that such statement or omission was immaterial or that he had reasonable grounds to believe, and did up to the time of issue of the prospectus believe, that the statement was true or the inclusion or omission was necessary.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 34 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।