नमस्कार दोस्तों, आज हम जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स में जीएसटी रजिस्ट्रेशन किन लोगो को लेना आवश्यक है और किन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने की आवश्यकता भी नहीं है, साथ ही सीजीसीटी एक्ट की धारा 22 एवम् 23 इस संबंध में क्या कहती है। इन बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
रजिस्ट्रेशन करवाना किसके लिए आवश्यक है [धारा 23]-
सीजीएसटी एक्ट 2017 की धारा 22 के तहत निम्न श्रेणी के व्यवहारियों को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है-
(1) प्रत्येक सप्लावर जो किसी भी राज्य या यूनियन टेरेटरी स्पेशल केटेगरी स्टेट को छोड़कर से माल या सेवा की सप्लाई करता है, रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है यदि उसकी एक वित्तीय वर्ष में एग्रीगेट टर्नओवर 20 लाख रु से अधिक है।
धारा 22(1) के प्रथम प्रोविजो के अनुसार स्पेशल कैटेगरी स्टेट के मामले में एग्रीगेट टर्नओवर की लिमिट 10 लाख रु होगी।
धारा 22(1) के दूसरे प्रोविजो के अनुसार सरकार किसी स्पेशल केटेगरी स्टेट की प्रार्थना पर प्रथम प्रोविजो में दी गई 10 लाख रु की एग्रीगेट टर्नओवर लिमिट को 10 लाख रु से बढ़ाकर 20 लाख रु कर सकती है। यानि यदि कोई स्पेशल केटेगरी स्टेट चाहती है कि उसके राज्य में 20 लाख रु तक की एग्रीगेट टर्नओवर तक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य ना हो तो सरकार ऐसी आज्ञा प्रदान कर सकती है।
धारा 22(1) के तीसरे प्रोविजों के अनुसार यदि कोई राज्य केन्द्र सरकार से प्रार्थना करता है कि यदि किसी व्यवहारी की एग्रीगेट टर्नओवर केवल माल की सप्लाई के मामले में 40 लाख रु से अधिक नहीं है तो वह रजिस्ट्रेशन के लिए दायी ना हो तो केन्द्र सरकार उसे यह आज्ञा प्रदान कर सकती है। इसके अनुसार यदि किसी व्यवहारी की केवल माल सप्लाई की एग्रीगेट टर्नओवर 40 लाख रु से अधिक नहीं है तो वह रजिस्ट्रेशन के लिए दायी नही होगा।
स्पष्टीकरण- इस प्रोविजो में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यवहारी द्वारा कर मुक्त सप्लाई जैसे जमा, लोन या एडवांस की सेवा प्रदान की जाती है जिसका प्रतिफल ब्याज या डिस्काउन्ट के रूप में प्राप्त होता है तो भी उसे केवल माल का सप्लायर ही माना जायेगा तथा उसे 40 लाख रु तक की एग्रीगेट टर्नओवर पर रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं है।
(2)जो व्यक्ति जीएसटी लागू होने की तिथी को किसी पूर्व कानून के तहत रजिस्टर्ड था तो उसे जीएसटी के तहत आवश्यक रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। [धारा 22(2)]
(3) यदि किसी पंजीकृत व्यवहारी द्वारा किये जा रहे व्यापार को गोइंग कन्सर्न के रूप में ट्रांस्फर कर दिया जाता है चाहे वह उत्तराधिकारी के रूप में हो या अन्य प्रकार से तो ट्रांस्फरी या उत्तराधिकारी जैसी भी परिस्थिति हो को ट्रांस्फर की तिथी से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। [धारा 22(3)]
(4) अमालगमेशन एवं डी-मर्जर के मामले में ट्रांस्फरी को रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा इनकारपोरेशन का सर्टिफिकेट जारी करने की तिथी से रजिस्ट्रेशन लेना आवश्यक होगा। [धारा 22(4)]
स्पष्टीकरण
(i) एग्रीगेट टर्नओवर में कर योग्य व्यक्ति द्वारा की गई सभी सप्लाई शामिल होगी चाहे वह उसने स्वयं के एकाउन्ट में की हो या प्रिंसिपल के लिए की हो।
जॉबवर्क के बाद रजिस्टर्ड जोबवर्कर द्वारा की गई सप्लाई प्रिंसिपल द्वारा की गई सप्लाई मानी जायेगी तथा उस सप्लाई का मूल्य जॉब वर्कर के एग्रीगेट टर्न ओवर में नहीं जोड़ा जायेगा।
(iii) स्पेशल कैटेगरी स्टेट में संविधान के आर्टिकल 279ए के क्लाज (4) के सब क्लाज (g) में शामिल राज्य आते है। लेकिन इनमें जम्मू एवं कश्मीर एवं अरुणाचल प्रदेश, आसाम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम एवं उत्तराखण्ड शामिल नहीं होंगे।
किन व्यक्तियों को रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं है- [धारा 23]
(1) धारा 22(1) में आवश्यक होने के बावजूद निम्नलिखित व्यक्ति रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दायी नहीं माने जायेंगे।
(a) ऐसा व्यक्ति जो केवल ऐसे माल या सेवा की सप्लाई करता है जो कि पूर्णत करमुक्त है। यानि केवल करमुक्त माल की बिक्री करने पर या करमुक्त सेवा सप्लाई करने वाले व्यवहारियों को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं है चाहे उनकी एग्रीगेट टर्नओवर 20 लाख/40 लाख रु से अधिक ही क्यों ना हो।
(b) एक किसान जो खेती के उत्पाद की सप्लाई करता है। यह छूट तभी उपलब्ध है जब वह केवल खेती के उत्पाद की ही सप्लाई करता है। [धारा 23(1)]
2) इसके अतिरिक्त जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर सरकार कुछ श्रेणी के व्यक्तियों को रजिस्ट्रेशन से छूट प्रदान कर सकती है। [धारा 23(2)]
सरकार ने अब तक विभिन्न अधिसूचनाओं द्वारा निम्न श्रेणी के व्यक्तियों को इस धारा के तहत रजिस्ट्रेशन में छूट प्रदान की है
(i) 40 लाख रु तक की टर्नओवर वाले व्यवहारी अधिसूचना स. 10/2019-सीटी दिनांक 1.4.2019 ।
(ii) हैण्डीक्राफ्ट गुड्स की इंटर स्टेट कैजुअल सप्लाई करने वाले व्यवहारियों को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है अधिसूचना स. 56/2018-सीटी दिनांक 23.10.2018 |
(iii) यदि कोई सर्विस के सप्लायर इलैक्ट्रोनिक कामर्स ऑपरेटर के माध्यम से सेवा की सप्लाई करते है तथा उनकी पूरे भारत में मिला कर सप्लाई 20 लाख रु से अधिक नहीं है उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं है अधिसूचना स. 65/2017 सीटी दिनांक 15.11.2017।
(iv) सर्विसेज की इंटर स्टेट सप्लाई करने वाले व्यक्ति जिनकी एग्रीगेट टर्नओवर 20 लाख रु से अधिक नहीं है उन्हें 20 लाख रु तक की सप्लाई पर रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है अधिसूचना स. 10/2017-आईटी दिनांक 13.10.2017 ।
(v) ऐसा जॉब वर्कर जो धारा 22(1) के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए दायी नहीं है यदि इंटरस्टेट सप्लाई करता है तो उसे रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नही है अधिसूचना स. 07/2017-आईटी दिनांक 14.09.20171 ।
(vi) ऐसे माल या सेवा के सप्लायर्स जिनकी सप्लाई पर धारा 9(3) के तहत सप्लाई प्राप्तकर्ता को टैक्स का भुगतान करना होता है – अधिसूचना स. 05/2017-सीटी दिनांक 19.06.2017 ।