जीएसटी मे रिवर्स चार्ज (आरसीएम) किन-किन खर्चो पर लागू होता है और किन पर नही?

जीएसटी मे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) Forward Charge Mechanism उन खर्चों और सेवाओं पर लागू होता है जहां कर भुगतान की जिम्मेदारी विक्रेता से हटाकर प्राप्तकर्ता पर आ जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरियों को रोकना है। जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्ति किसी अनरजिस्टर्ड व्यक्ति से टैक्स योग्य वस्तु या सेवा की खरीद करता है तब RCM लागू होता है। यानी, ऐसे लेनदेन पर सप्लायर बिल नहीं देता, तो खरीद-दार सेल्फ-इनवॉयस बनाकर टैक्स अदा करता है, इससे टैक्स चोरी की संभावना कम होती है क्योंकि रजिस्टर्ड व्यक्ति ही टैक्स देता है, खासकर जब सप्लायर अनरजिस्टर्ड हो।

What is RCM?
Reverse Charge Mechanism

जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) Reverse Charge Mechanism in GST एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें माल या सेवा के आपूर्तिकर्ता के बजाय प्राप्तकर्ता टैक्स का भुगतान करता है। यह व्यवस्था उन खास स्थितियों के लिए बनाई गई है जिनमें सरकार ने टैक्स अनुपालन और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

रिवर्स चार्ज (आरसीएम) What is Reverse Charge Mechanism किन खर्चों पर लागू होता है?

  1. अनरजिस्टर्ड सप्लायर से वस्तु या सेवा की खरीद: जब कोई जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति अनरजिस्टर्ड विक्रेता से सामान या सेवाएं खरीदता है, तो उसे रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी चुकाना होता है।
  2. विशिष्ट वस्तुएं और सेवाएं: सरकार ने कुछ वस्तुओं और सेवाओं को रिवर्स चार्ज के दायरे में रखा है, जैसे:
    • परिवहन सेवा (Goods Transport Agency – GTA) की सेवाएं
    • वकील, सीनियर वकील, लॉ फर्म की सेवाएं
    • स्पॉन्सरशिप सेवाएं
    • कंपनी के निदेशक द्वारा कंपनी को दी गई सेवाएं
    • बीमा एजेंट की सेवाएं, रिकवरी एजेंट की सेवाएं
    • होटल में रूम रेंट (कुछ सीमा तक)
    • भोजन और पेय सेवाएं (एनएसी रेस्टोरेंट, एसी रेस्टोरेंट के अनुसार)
    • रखरखाव, विज्ञापन, ब्रोकरेज, प्रिंटिंग, क्लीनिंग जैसी सेवाएं
    • ऑटो रिक्शा, रेडियो टैक्सी, ट्रक/टेम्पो किराया
    • AMC शुल्क, प्रशिक्षण शुल्क, पोस्टेज, कूरियर शुल्क इत्यादि
  3. अन्य विशेष खर्चे जिन पर आरसीएम लागू होता है, उनमें शामिल हैं:
    • विज्ञापन, ब्रांड प्रमोशन
    • क्लब और सदस्यता शुल्क
    • आडिट फीस, पेशेवर फीस (वकील को छोड़कर)
    • किराया (वाणिज्यिक उपयोग के लिए)
    • सुरक्षा शुल्क, रख-रखाव शुल्क
    • कमीशन, सहायता शुल्क

आरसीएम लागू खर्चों की विस्तृत सूची (उदाहरण स्वरूप):

खर्च का प्रकारटैक्स की दरआरसीएम लागू हां/नहीआईटीसी पात्रता
ओला, उबेर जैसे रेडियो टैक्सी5%हांनही
जीटीए (GTA) की सेवाएं5%हांहां
होटल रूम किराया (1000-2500)12%हांहां
विज्ञापन शुल्क18%हांहां
प्रशिक्षण शुल्क18%हांहां
आडिट फीस, प्रोफेशनल फीस18%हांहां
सुरक्षा शुल्क18%हांहां
कूरियर, पोस्टेज18%हांहां

आरसीएम लागू न होने वाले खर्च (Expenses not covered in RCM) (कुछ उदाहरण):

  • कर्मचारी वेतन, बोनस
  • बिजली, पानी के बिल
  • बैंक ब्याज
  • रेजिस्ट्रेशन फीस, लाइसेंस फीस
  • कैप्चर शुल्क या जुर्माना
  • निजी उपयोग के लिए किराया (जैसे आवासीय किराया)
  • पेट्रोल, डीजल, केरोसिन आदि पर
  • टैक्स ऑडिट और एकाउंटिग चार्जेस (अगर सर्विस प्रदाता अनरजिस्टर्ड है)

ITC लेने की प्रक्रिया एवंम् शर्तें

  1. रिवर्स चार्ज के तहत टैक्स भुगतान: अनरजिस्टर्ड सप्लायर से वस्तु या सेवा खरीदने पर पंजीकृत प्राप्तकर्ता को GST रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) के तहत टैक्स का भुगतान स्वयं करना होता है।
  2. सेल्फ-इनवॉइस जारी करना: अनरजिस्टर्ड सप्लायर होने पर, प्राप्तकर्ता को खरीद की सेल्फ-इनवॉइस (Self-Invoice) जारी करनी होती है क्योंकि विक्रेता के पास GSTIN नहीं होता। यह invoice रसीद की तरह काम करती है।
  3. RCM भुगतान पर ITC क्लेम: रिवर्स चार्ज के तहत जो GST भुगतान होता है वही ITC क्लेम के लिए आधार बनता है। इसका मतलब है कि जब टैक्स पंजीकृत व्यक्ति द्वारा भुगतान किया जाएगा तभी ITC लिया जा सकेगा।
  4. सही दस्तावेज और रिकॉर्ड: प्राप्तकर्ता को पूरी खरीद के लिए सही सेल्फ-इनवॉइस, भुगतान के प्रमाण और अन्य आवश्यक दस्तावेज रखने होंगे ताकि ITC क्लेम के समय ये सब प्रस्तुत कर सके।
  5. समय सीमा का ध्यान रखें: GST नियमों के अनुसार, ITC क्लेम सीमित समय में ही किया जा सकता है, सामान्यतः वह वित्तीय वर्ष के अंत और फाइलिंग के साथ से जुड़ा होता है।
  6. GST रिटर्न में विवरण देना: खरीद रिवर्स चार्ज के तहत होने के कारण, प्राप्तकर्ता को अपनी GST रिटर्न (जैसे GSTR-3B) में इस खरीद और उसके अनुसार GST भुगतान की जानकारी देनी होती है।

जीएसटी मे किन-किन वस्तुओ पर अनरजिस्टर्ड खरीद पर आरसीएम (RCM) की देन दारी होगी?

अनरजिस्टर्ड सप्लायर से कुछ खास वस्तुओं की खरीद पर RCM (Reverse Charge Mechanism) की देन-दारी बनती है, लेकिन ये केवल उन्हीं वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है, जिन्हे जीएसटी एक्ट 9(3) अन्तर्गत वर्गीकृत किया गया है।

वस्तु का नामसप्लायर (Seller)खरीददार (Recipient)आरसीएम लागू हां/नही
कच्चे काजूकृषकRegistered Personहां
बीड़ी रैपर पत्ते (तेंदू पत्ता)कृषकRegistered Personहां
तंबाकू पत्ताकृषकRegistered Personहां
कच्चा कपास (Raw Cotton)कृषकRegistered Personहां
सिल्क यार्न/टेक्सटाइलManufacturer (Unreg.)Registered Personहां
एसेंशियल ऑयलUnregistered PersonRegistered Personहां
इस्तेमाल हुई गाड़ियोंGovt/Semi-GovtRegistered Personहां
मेटल स्क्रैपUnregistered SellerRegistered Personहां
Priority Sector Lending CertificateRegistered PersonRegistered Personहां
Fortified Rice Kernel (FRK)Unregistered PersonRegistered Personहां

अगर ऊपर दी गई notified वस्तु unregistered seller से खरीदी जाती है, तो registered खरीदार को खुद GST का भुगतान करना पड़ता है और self-invoice बनानी होती है। वह वस्तु जिन्हे जीएसटी मे आरसीएम RCM की देन-दारी बनती है, उनकी लिस्ट RCM (Reverse Charge Mechanism) यह है।।

आरसीएम की देन-दारी कब नही बनती।

  • सामान्य व्यापारिक वस्तुएं (कपड़े, रेडीमेड गारमेंट्स, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, आदि) की unregistered खरीद पर RCM नहीं बनती है।
  • Section 9(4) के तहत RCM अब केवल specific notification वाली वस्तुओं, और खास recipient के लिए ही लागू है—general goods की खरीद पर कोई रिवर्स चार्ज नहीं है।

इस प्रकार, रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म उन कई खर्चों और सेवाओं पर लागू होता है जो व्यापार में उपयोगी होती हैं और जिनके जरिये सरकार टैक्‍स चोरी को रोकना चाहती है। इसके तहत प्राप्तकर्ता को कर भरना होता है और वह अमूमन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) भी ले सकता है।

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