नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 113 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 113 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 113 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 113 के अन्तर्गत यदि किसी व्यक्ति न्यायालय में नियत समय एवं तिथि को उपस्थित होना था, उपस्थित नहीं होता है तो मजिस्ट्रेट उससे हाजिर होने की अपेक्षा करते हुये समन, या जब ऐसा व्यक्ति अभिरक्षा में है तब जिस अधिकारी की अभिरक्षा में वह है उस अधिकारी को उसे न्यायालय के समक्ष लाने का निर्देश देते हुये वारण्ट, जारी करेगा तो यह धारा 113 के अंतर्गत उस न्यायालय के अधिकारी को यह शक्ति होती है कि राजद्रोहात्मक बातों को फैलाने वाले व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति ले सकता है।
जब मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है, कि उसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर कोई ऐसा व्यक्ति है जो ऐसी अधिकारिता के अन्दर या बाहर राजद्रोहात्मक बातों को फैला रहा है, फैलाने का प्रयास कर रहा है या मौखिक रूप से या लिखित रूप या किसी अन्य रूप से निम्नलिखित बातें साशय फैलाता है या फैलाने का प्रयत्न करता है या फैलाने का दुष्प्रेरण करता है। CrPC की धारा 113 न्यायालय के मजिस्ट्रेट को यह शक्ति होती है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए किसी समय वारण्ट जारी कर सकेगा।
सीआरपीसी की धारा 113 के अनुसार
ऐसे व्यक्ति के बारे में समन या वारण्ट जो उपस्थित नहीं है-
यदि ऐसा व्यक्ति न्यायालय में उपस्थित नहीं है तो मजिस्ट्रेट उससे हाजिर होने की अपेक्षा करते हुये समन, या जब ऐसा व्यक्ति अभिरक्षा में है तब जिस अधिकारी की अभिरक्षा में वह है उस अधिकारी को उसे न्यायालय के समक्ष लाने का निर्देश देते हुये वारण्ट, जारी करेगा :
परन्तु जब कभी ऐसे मजिस्ट्रेट को पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट पर या अन्य इत्तिला पर (जिस रिपोर्ट या इत्तिला का सार मजिस्ट्रेट द्वारा अभिलिखित किया जाएगा), यह प्रतीत होता है कि परिशान्ति भंग होने के डर के लिए कारण है और ऐसे व्यक्ति की तुरन्त गिरफ्तारी के बिना ऐसे परिशान्ति भंग करने का निवारण नहीं किया जा सकता है तब वह मजिस्ट्रेट उसकी गिरफ्तारी के लिए किसी समय वारण्ट जारी कर सकेगा।
Summons or warrant in case of person not so present-
If such person is not present in Court, the Magistrate shall issue a summons requiring him to appear, or, when such person is in custody, a warrant directing the officer in whose custody he is to bring him before the Court:
Provided that whenever it appears to such Magistrate, upon the report of a police officer or upon other information (the substance of which report or information shall be recorded by the Magistrate), that there is reason to fear the commission of a breach of the peace, and that such breach of the peace cannot be prevented otherwise than by the immediate arrest of such person, the Magistrate may at any time issue a warrant for his arrest.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 113 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।