नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 114 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 114 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 114 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 114 के अन्तर्गत यदि किसी मामले में धारा 113 के अधीन जारी किये गये प्रत्येक समन या वारण्ट के साथ धारा 111 के अधीन दिए गए आदेश की प्रति होगी और उस समन या वारण्ट की तामील या निष्पादन करने वाला अधिकारी वह प्रति उस व्यक्ति को परिदत्त करेगा जिस पर उसकी तामील की गई है या जो उसके अधीन गिरफ्तार किया गया है तो यह धारा 114 के अंतर्गत समन या वारण्ट की तामील या निष्पादन करने वाला अधिकारी को यह शक्ति होती है कि वह उस व्यक्ति को परिदत्त करेगा जिस पर उसकी तामील की गई है या जो उसके अधीन गिरफ्तार किया गया है
जब समन या वारण्ट की तामील या निष्पादन करने वाला अधिकारी किसी मामले में समन या वारण्ट जारी करता है तो CrPC की धारा 114 उस अधिकारी द्वारा समन या वारण्ट के साथ एक आदेश की प्रति लगाना भी आवश्यक है, तभी समन या वारण्ट को पूर्ण माना जाएगा।
सीआरपीसी की धारा 114 के अनुसार
समन या वारण्ट के साथ आदेश की प्रति होगी-
धारा 113 के अधीन जारी किये गये प्रत्येक समन या वारण्ट के साथ धारा 111 के अधीन दिए गए आदेश की प्रति होगी और उस समन या वारण्ट की तामील या निष्पादन करने वाला अधिकारी वह प्रति उस व्यक्ति को परिदत्त करेगा जिस पर उसकी तामील की गई है या जो उसके अधीन गिरफ्तार किया गया है।
Copy of order to accompany summons or warrant-
Every summons or warrant issued under Section 113 shall be accompanied by a copy of the order made under Section 111, and such copy shall be delivered by the officer serving or executing such summons or warrant to the person served with, or arrested under, the same.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 114 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।