भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 82 | मुद्रा या हस्ताक्षर के सबूत के बिना इंग्लैण्ड में ग्राह्य दस्तावेज के बारे में उपधारणा | Indian Evidence Act Section- 82 in hindi| Presumption as to document admissible in England without proof of seal or signature.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 82 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 82, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 82 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 82 के अन्तर्गत जबकि किसी न्यायालय के समक्ष कोई ऐसी दस्तावेज पेश की जाती है जिसका ऐसी दस्तावेज होना तात्पर्यित है, जो इंग्लैण्ड या आयरलैण्ड के किसी न्यायालय में किसी विशिष्टि को साबित करने के लिए उस दस्तावेज को अधिप्रमाणीकृत करने वाली मुद्रा या स्टाम्प या हस्ताक्षर को उस व्यक्ति द्वारा, जिसके द्वारा उसका हस्ताक्षरित किया जाना तात्पर्यित है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 82 के अनुसार

मुद्रा या हस्ताक्षर के सबूत के बिना इंग्लैण्ड में ग्राह्य दस्तावेज के बारे में उपधारणा-

जबकि किसी न्यायालय के समक्ष कोई ऐसी दस्तावेज पेश की जाती है जिसका ऐसी दस्तावेज होना तात्पर्यित है, जो इंग्लैण्ड या आयरलैण्ड के किसी न्यायालय में किसी विशिष्टि को साबित करने के लिए उस दस्तावेज को अधिप्रमाणीकृत करने वाली मुद्रा या स्टाम्प या हस्ताक्षर को उस व्यक्ति द्वारा, जिसके द्वारा उसका हस्ताक्षरित किया जाना तात्पर्यित है दावाकृत न्यायिक या पदीय हैसियत को साबित किए बिना इंग्लैण्ड या आयरलैण्ड में तत्समय प्रवृत्त विधि के अनुसार ग्राह्य होती, तब न्यायालय यह उपधारित करेगा कि ऐसी मुद्रा, स्टाम्प या हस्ताक्षर असली है और उसको हस्ताक्षरित करने वाला व्यक्ति वह न्यायिक या पदीय हैसियत, जिसका वह दावा करता है, उस समय रखता था तब उसने उसे हस्ताक्षरित किया था,
तथा दस्तावेज उसी प्रयोजन के लिए जिसके लिए वह इंग्लैण्ड या आयरलैण्ड में ग्राह्य होती, ग्राह्य होगी।

Presumption as to document admissible in England without proof of seal or signature-
When any document is produced before any Court, purporting to be a document which, by the law in force for the time being in England or Ireland, would be admissible in proof of any particular in any Court of justice in England or Ireland, without proof of the seal or stamp or signature authenticating it, or of the judicial or official character claimed by the person by whom it purports to be signed, the Court shall presume that such seal, stamp or signature is genuine, and that the person signing it held, at the time when he signed it, the judicial or official character which he claims,
and the document shall be admissible for the same purpose for which it would be admissible in England or Ireland.

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 82 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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