कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-98 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 98 के अनुसार यदि किसी कारण से किसी कंपनी के वार्षिक साधारण अधिवेशन से भिन्न कोई अधिवेशन ऐसी रीति में बुलाना, जिसमें कंपनी के अधिवेशन बुलाए जा सकेंगे या इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों द्वारा विहित रीति में कंपनी का अधिवेशन आयोजित या संचालित करना, असाध्य है तो अधिकरण, स्वप्रेरणा से या कंपनी के किसी निदेशक या ऐसे किसी सदस्य के आवेदन पर जो अधिवेशन में मत देने के लिए हकदार होगा, जिसे Companies Act Section-98 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 98 (Companies Act Section-98) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 98 Companies Act Section-98 के अनुसार यदि किसी कारण से किसी कंपनी के वार्षिक साधारण अधिवेशन से भिन्न कोई अधिवेशन ऐसी रीति में बुलाना, जिसमें कंपनी के अधिवेशन बुलाए जा सकेंगे या इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों द्वारा विहित रीति में कंपनी का अधिवेशन आयोजित या संचालित करना, असाध्य है तो अधिकरण, स्वप्रेरणा से या कंपनी के किसी निदेशक या ऐसे किसी सदस्य के आवेदन पर जो अधिवेशन में मत देने के लिए हकदार होगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 98 (Companies Act Section-98 in Hindi)
सदस्यों, आदि के अधिवेशन बुलाने की अधिकरण की शक्ति-
(1) यदि किसी कारण से किसी कंपनी के वार्षिक साधारण अधिवेशन से भिन्न कोई अधिवेशन ऐसी रीति में बुलाना, जिसमें कंपनी के अधिवेशन बुलाए जा सकेंगे या इस अधिनियम या कंपनी के अनुच्छेदों द्वारा विहित रीति में कंपनी का अधिवेशन आयोजित या संचालित करना, असाध्य है तो अधिकरण, स्वप्रेरणा से या कंपनी के किसी निदेशक या ऐसे किसी सदस्य के आवेदन पर जो अधिवेशन में मत देने के लिए हकदार होगा-
(क) ऐसी रीति में कंपनी का अधिवेशन बुलाने, आयोजित और संचालित किए जाने का आदेश दे सकेगा, जो अधिकरण ठीक समझे; और
(ख) ऐसे आनुषंगिक या पारिणामिक निदेश दे सकेगा, जो अधिकरण समीचीन समझे, जिसके अंतर्गत अधिवेशन बुलाने, आयोजित और संचालित करने के संबंध में, इस अधिनियम या कंपनी अनुच्छेदों के उपबंधों के प्रवर्तन का उपांतरण करने वाले या अनुपूरक निदेश भी हैं :
परंतु ऐसे निदेशों में, यह निदेश भी सम्मिलित हो सकेगा कि व्यक्तिगत रूप से या परोक्षी द्वारा उपस्थित कंपनी के किसी एक सदस्य से अधिवेशन का गठन हुआ समझा जाएगा ।
(2) उपधारा (1) के अधीन किए गए किसी आदेश के अनुसरण में बुलाया गया, आयोजित और संचालित कोई अधिवेशन सभी प्रयोजनों के लिए कंपनी का सम्यक रूप से बुलाया गया, आयोजित और संचालित अधिवेशन समझा जाएगा।
Companies Act Section-98 (Company Act Section-98 in English)
Power of Tribunal to call meetings of members, etc–
(1) If for any reason it is impracticable to call a meeting of a company, other than an annual general meeting, in any manner in which meetings of the company may be called, or to hold or conduct the meeting of the company in the manner prescribed by this Act or the articles of the company, the Tribunal may, either suo motu or on the application of any director or member of the company who would be entitled to vote at the meeting—
(a) order a meeting of the company to be called, held, and conducted in such manner as the Tribunal thinks fit; and
(b) give such ancillary or consequential directions as the Tribunal thinks expedient, including directions modifying or supplementing in relation to the calling, holding, and conducting of the meeting, the operation of the provisions of this Act or articles of the company:
Provided that such directions may include a direction that one member of the company present in person or by proxy shall be deemed to constitute a meeting.
(2) Any meeting called, held and conducted in accordance with any order made under sub-section (1) shall, for all purposes, be deemed to be a meeting of the company duly called, held and conducted.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 98 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।