नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 178 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 178 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 178 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 178 के अन्तर्गत जब किसी मामले मे पुलिस अधिकारी अथवा भारसाधक अधिकारी जांच करता है तो जांच अधिकारी, अपराध किये गये स्थान निश्चित है अथवा नही या किसी एक से अधिक से स्थानीय क्षेत्रो में किए गए कई कार्यों से मिलकर बनता है, वहां उसकी जांच या विचारण ऐसे स्थानीय क्षेत्रों में से किसी पर अधिकारिता रखने वाले न्यायालय द्वारा किया जा सकता है। यह धारा 178 ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारी व्दारा अन्वेषण के पश्चात् साक्ष्य अपर्याप्त होने के अभियुक्त को छोडा जाना प्रक्रिया को बतलाता है।
सीआरपीसी की धारा 178 के अनुसार
जांच या विचारणं का स्थान-
(क) जहां यह अनिश्चित है कि कई स्थानीय क्षेत्रों में से किसमें अपराध किया गया है, अथवा
(ख) जहां अपराध अंशत: एक स्थानीय क्षेत्र में और अंशत: किसी दूसरे में किया गया है, अथवा
(ग) जहां अपराध चालू रहने वाला है और उसका किया जाना एक से अधिक स्थानीय क्षेत्रों में चालू रहता है, अथवा
(घ) जहां वह विभिन्न स्थानीय क्षेत्रों में किए गए कई कार्यों से मिलकर बनता है, वहां उसकी जांच या विचारण ऐसे स्थानीय क्षेत्रों में से किसी पर अधिकारिता रखने वाले न्यायालय द्वारा किया जा सकता है।
Place of inquiry or trial-
(a) when it is uncertain in which of several local areas an offence was committed, or
(b) where an offence is committed partly in one local area and partly in another, or
(c) where an offence is continuing one, and continues to be committed in more local areas than one, or
(d) where it consists of several acts done in different local areas, it may be inquired into or tried by a Court having jurisdiction over any of such local areas.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 178 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।