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सीआरपीसी की धारा 179 | अपराध वहां विचारणीय होगा जहां कार्य किया गया या जहां परिणाम निकला | CrPC Section- 179 in hindi| Offence triable where act is done or consequence ensues.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 179 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 179 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 179 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 179 के अन्तर्गत जब कोई कार्य किसी की गई बात के और किसी निकले हुए परिणाम के कारण अपराध है तब ऐसे अपराध की जांच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसी बात की गई या ऐसा परिणाम निकला। यह धारा 179 ऐसे मामलों में अपराध वहां विचारणीय होगा जहां कार्य किया गया या जहां परिणाम निकला प्रक्रिया को बतलाता है।

सीआरपीसी की धारा 179 के अनुसार

अपराध वहां विचारणीय होगा जहां कार्य किया गया या जहां परिणाम निकला–

जब कोई कार्य किसी की गई बात के और किसी निकले हुए परिणाम के कारण अपराध है तब ऐसे अपराध की जांच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसी बात की गई या ऐसा परिणाम निकला।

Offence triable where act is done or consequence ensues-
When an act is an offence by reason of anything which has been done and of a consequence which has ensued, the offence may be inquired into or tried by a Court within whose local jurisdiction such thing has been done or such consequence has ensued.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 179 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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