नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 184 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 184 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 184 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 184 के अन्तर्गत किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध ऐसे हैं कि प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए धारा 219, धारा 220 या धारा 221 के उपबन्धों के आधार पर एक ही विचारण में उस पर आरोप लगाया जा सकता है और उसका विचारण किया जा सकता है, अथवा कई व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध या किए गए अपराध ऐसे हैं कि उनके लिए उन पर धारा 223 के उपबन्धों के आधार पर एक साथ आरोप लगाया जा सकता है और विचारण किया जा सकता है।
सीआरपीसी की धारा 184 के अनुसार
एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए विचारण का स्थान- -जहाँ-
(क) किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध ऐसे हैं कि प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए धारा 219, धारा 220 या धारा 221 के उपबन्धों के आधार पर एक ही विचारण में उस पर आरोप लगाया जा सकता है और उसका विचारण किया जा सकता है, अथवा
(ख) कई व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध या किए गए अपराध ऐसे हैं कि उनके लिए उन पर धारा 223 के उपबन्धों के आधार पर एक साथ आरोप लगाया जा सकता है और विचारण किया जा सकता है,
वहां अपराध की जांच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जो उन अपराधों में से किसी की जांच या विचारण करने के लिए सक्षम है।
Place of trial for offences triable together- Where-
(a) the offences committed by any person are such that he may be charged with, and tried at one trial for, each such offence by virtue of the provisions of Section 219, Section 220 or Section 221, or
(b) the offence or offences committed by several persons are such that they may be charged with and tried together by virtue of the provisions of Section 223,
the offences may be inquired into or tried by any Court competent to inquire into or try any of the offences.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 184 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।