नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 185 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 185 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 185 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 185 के अन्तर्गत जब कोई राज्य सरकार निर्देश दे सकती है कि ऐसे किन्हीं मामलों का या किसी वर्ग के मामलों का विचारण, जो किसी जिले में विचारणार्थ सुपुर्द हो चुके हैं, किसी भी सेशन खंड में किया जा सकता है। उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान के अधीन या इस संहिता के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन पहले ही जारी किए गए किसी निदेश के विरुद्ध नहीं है।
सीआरपीसी की धारा 185 के अनुसार
विभिन्न सेशन खण्डों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति-
इस अध्याय के पूर्ववर्ती उपबन्धों में किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार निर्देश दे सकती है कि ऐसे किन्हीं मामलों का या किसी वर्ग के मामलों का विचारण, जो किसी जिले में विचारणार्थ सुपुर्द हो चुके हैं, किसी भी सेशन खंड में किया जा सकता है :
परन्तु यह तब जब कि ऐसा निर्देश उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान के अधीन या इस संहिता के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन पहले ही जारी किए गए किसी निदेश के विरुद्ध नहीं है।
Power to order cases to be tried in different sessions divisions-
Notwithstanding anything contained in the preceding provisions of this Chapter, the State Government may direct that any cases or class of cases committed for trial in any district may be tried in any sessions division:
Provided that such direction is not repugnant to any direction previously issued by the High Court or the Supreme Court under the Constitution, or under this Code or any other law for the time being in force.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 185 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।