सीआरपीसी की धारा 218 | सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप | CrPC Section- 218 in hindi| Separate charges for distinct offences.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 218 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 218 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 218 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 218 के अन्तर्गत प्रत्येक सुभिन्न अपराध के लिए, जिसका किसी व्यक्ति पर अभियोग है, पृथक आरोप होगा और ऐसे प्रत्येक आरोप का विवरण पृथक्तः किया जाएगा परन्तु जहां अभियुक्त व्यक्ति लिखित आवेदन द्वारा, ऐसा चाहता है और मजिस्ट्रेट की राय है कि उससे ऐसे व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा वहां मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति के विरुद्ध विरचित सभी या किन्हीं आरोपों का विचारण एक साथ कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 218 के अनुसार

सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप-

(1) प्रत्येक सुभिन्न अपराध के लिए, जिसका किसी व्यक्ति पर अभियोग है, पृथक आरोप होगा और ऐसे प्रत्येक आरोप का विवरण पृथक्तः किया जाएगा :
परन्तु जहां अभियुक्त व्यक्ति लिखित आवेदन द्वारा, ऐसा चाहता है और मजिस्ट्रेट की राय है कि उससे ऐसे व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा वहां मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति के विरुद्ध विरचित सभी या किन्हीं आरोपों का विचारण एक साथ कर सकता है
(2) उपधारा (1) की कोई बात धारा 219, 220, 221 और 223 के उपबंधों के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी।
दृष्टान्त
क पर एक अवसर पर चोरी करने और दूसरे किसी अवसर पर घोर उपहति कारित करने का अभियोग है। चोरी के लिए और घोर उपहति कारित करने के लिए क पर पृथक्-पृथक् आरोप लगाने होंगे और उसका विचारण पृथकत: करना होगा।

Separate charges for distinct offences-
(1) For every distinct offence of which any person is accused there shall be a separate charge, and every such charge shall be tried separately :
Provided that where the accused person, by an application in writing, so desires and the Magistrate is of opinion that such person is not likely to be prejudiced thereby, the Magistrate may try together all or any number of the charges framed against such person.
(2) Nothing in sub-section (1) shall affect the operation of the provisions of Sections 219, 220, 221 and 223.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 218 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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