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सीआरपीसी की धारा 227 | उन्मोचन | CrPC Section- 227 in hindi| Discharge.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 227 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 227 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 227 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 227 के अन्तर्गत यदि मामले के अभिलेख और उसके साथ दी गई दस्तावेजों पर विचार कर लेने पर और इस निमित्त अभियुक्त और अभियोजन के निवेदन की सुनवाई कर लेने के पश्चात् न्यायाधीश यह समझता है कि अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तो वह अभियुक्त को उन्मोचित कर देगा और ऐसा करने के अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा।

सीआरपीसी की धारा 227 के अनुसार

उन्मोचन–

यदि मामले के अभिलेख और उसके साथ दी गई दस्तावेजों पर विचार कर लेने पर और इस निमित्त अभियुक्त और अभियोजन के निवेदन की सुनवाई कर लेने के पश्चात् न्यायाधीश यह समझता है कि अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है तो वह अभियुक्त को उन्मोचित कर देगा और ऐसा करने के अपने कारणों को लेखबद्ध करेगा।

Discharge-
If, upon consideration of the record of the case and the documents submitted therewith, and after hearing the submissions of the accused and the prosecution in this behalf, the Judge considers that there is not sufficient ground for proceeding against the accused, he shall discharge the accused and record his reasons for so doing.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 227 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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