नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 280 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 280 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 280 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 280 के अन्तर्गत जब पीठासीन न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट साक्षी का साक्ष्य अभिलिखित कर लेता है तब वह उस साक्षी की परीक्षा किए जाते समय उसकी भावभंगी के बारे में ऐसी टिप्पणियां भी अभिलिखित करेगा (यदि कोई हो), जो वह तात्विक समझता है।
सीआरपीसी की धारा 280 के अनुसार
साक्षी की भावभंगी के बारे में टिप्पणियां-
जब पीठासीन न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट साक्षी का साक्ष्य अभिलिखित कर लेता है तब वह उस साक्षी की परीक्षा किए जाते समय उसकी भावभंगी के बारे में ऐसी टिप्पणियां भी अभिलिखित करेगा (यदि कोई हो), जो वह तात्विक समझता है।
Remarks respecting demeanour of witness-
When a presiding Judge or Magistrate has recorded the evidence of a witness, he shall also record such remarks (if any) as he thinks material respecting the demeanour of such witness whilst under examination.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 280 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।