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सीआरपीसी की धारा 282 | दुभाषिया ठीक-ठीक भाषान्तर करने के लिए आबद्ध होगा | CrPC Section- 282 in hindi| Interpreter to be bound to interpret truthfully.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 282 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 282 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 282 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 282 के अन्तर्गत जब किसी साक्ष्य या कथन के भाषान्तर के लिए दुभाषिये की सेवा की किसी दण्ड न्यायालय द्वारा अपेक्षा की जाती है तब वह दुभाषिया ऐसे साक्ष्य या कथन का ठीक भाषान्तर करने के लिए आबद्ध होगा।

सीआरपीसी की धारा 282 के अनुसार

दुभाषिया ठीक-ठीक भाषान्तर करने के लिए आबद्ध होगा-

जब किसी साक्ष्य या कथन के भाषान्तर के लिए दुभाषिये की सेवा की किसी दण्ड न्यायालय द्वारा अपेक्षा की जाती है तब वह दुभाषिया ऐसे साक्ष्य या कथन का ठीक भाषान्तर करने के लिए आबद्ध होगा।

Interpreter to be bound to interpret truthfully-
When the services of an interpreter are required by any Criminal Court for the interpretation of any evidence or statement, he shall be bound to state the true interpretation of such evidence or statement.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 282 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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