नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 1 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दहेज प्रतिषेध की धारा- 1, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है और कब यह धारा कहा लागू होती है और कहा नही लागू होती है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 1 का विवरण
दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा- 1 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस कानून को संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ को यह धारा परिभाषित करती है। यह धारा जम्मू-कश्मीर को छोड़कर समस्त भारत पर लागू होती है, लेकिन आज के समय यहां भी भारतीय संविधान लागू होता है।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 1 के अनुसार
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ-
(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 है ।
(2) इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है ।
(3) यह उस तारीख1 को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
Short title, extent and commencement—
(1) This Act may be called the Dowry Prohibition Act, 1961.
(2) It extends to the whole of India except the State of Jammu and Kashmir.
(3) It shall come into force on such date as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, appoint.
हमारा प्रयास दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा 1 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।