भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-33) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 33 के अनुसार उन समाश्रित संविदाओं का प्रवर्तन, जो किसी अनिश्चित भावी घटना के घटित न होने पर किसी बात को करने या न करने के लिए हों, तब कराया जा सकता है जब उस घटना का घटित होना असम्भव हो जाए उससे पूर्व नहीं, जिसे IC Act Section-33 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 33 (Indian Contract Act Section-33) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 33 IC Act Section-33 के अनुसार उन समाश्रित संविदाओं का प्रवर्तन, जो किसी अनिश्चित भावी घटना के घटित न होने पर किसी बात को करने या न करने के लिए हों, तब कराया जा सकता है जब उस घटना का घटित होना असम्भव हो जाए उससे पूर्व नहीं।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 33 (IC Act Section-33 in Hindi)
उन संविदाओं का प्रवर्तन जो किसी घटना के घटित न होने पर समाश्रित हों-
उन समाश्रित संविदाओं का प्रवर्तन, जो किसी अनिश्चित भावी घटना के घटित न होने पर किसी बात को करने या न करने के लिए हों, तब कराया जा सकता है जब उस घटना का घटित होना असम्भव हो जाए उससे पूर्व नहीं।
दृष्टान्त
‘क’ करार करता है कि यदि अमुक पोत वापस न आए तो वह ‘ख’ को एक धनराशि देगा। वह पोत डूब जाता है। संविदा का प्रवर्तन पोत के डूब जाने पर कराया जा सकता है।
Indian Contract Act Section-33 (IC Act Section-33 in English)
Enforcement of contracts contingent on an event not happening-
Contingent contracts to do or not to do anything if an uncertain future event does not happen, can be enforced when the happening of that event becomes impossible, and not before.
Illustration
A agrees to pay B a sum of money if a certain ship does not return. The ship is sunk. The contract can be enforced when the ship sinks.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 33 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।