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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 20 | वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रूप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियां | Indian Evidence Act Section- 20 in hindi| Admissions by persons expressly referred to by party to suit.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 20 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 20, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 20 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 20 के अन्तर्गत वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनको वाद के किसी पक्षकार ने किसी विवादग्रस्त विषय के बारे में जानकारी के लिए अभिव्यक्त रूप से निर्दिष्ट किया है, स्वीकृतियां हैं।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 20 के अनुसार

वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रूप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियां-वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनको वाद के किसी पक्षकार ने किसी विवादग्रस्त विषय के बारे में जानकारी के लिए अभिव्यक्त रूप से निर्दिष्ट किया है, स्वीकृतियां हैं।
दृष्टान्त
प्रश्न यह है कि क्या क द्वारा ख को बेचा हुआ घोड़ा अच्छा है।
ख से क कहता है कि “जाकर ग से पूछ लो, गइस बारे में सब कुछ जानता है।”
ग का कथन स्वीकृति है।

Admissions by persons expressly referred to by party to suit-
Statements made by persons to whom a party to the suit has expressly referred for information in reference to a matter in dispute are admissions.
Illustration
The question is, whether a horse sold by A to B is sound.
A says to B.-“Go and ask C, C knows all about it”.
C’s statement is an admission.

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 20 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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