भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 | विशेषज्ञों की रायें | Indian Evidence Act Section- 45 in hindi| Opinions of experts.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 45 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 45 के अन्तर्गत जब न्यायालय को विदेशी विधि की या विज्ञान की या कला की किसी बात पर या हस्तलेख या अंगुलि-चिन्हों की अनन्यता के बारे में राय बनानी हो तब उस बात पर ऐसी विदेशी विधि, विज्ञान या कला में या हस्तलेख या अंगुलि-चिन्हों की अनन्यता विषयक प्रश्नों में, विशेष कुशल व्यक्तियों की रायें सुसंगत तथ्य हैं । ऐसे व्यक्ति विशेषज्ञ कहलाते हैं।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के अनुसार

विशेषज्ञों की रायें–

जबकि न्यायालय को विदेशी विधि की या विज्ञान की या कला की किसी बात पर या हस्तलेख या अंगुलि-चिन्हों की अनन्यता के बारे में राय बनानी हो तब उस बात पर ऐसी विदेशी विधि, विज्ञान या कला में या हस्तलेख या अंगुलि-चिन्हों की अनन्यता विषयक प्रश्नों में, विशेष कुशल व्यक्तियों की रायें सुसंगत तथ्य हैं । ऐसे व्यक्ति विशेषज्ञ कहलाते हैं।

Opinions of experts-
When the Court has to form an opinion upon a point of foreign law, or of science, or art, or as to identity of handwriting or finger impressions, the opinions upon that point of persons specially skilled in such foreign law, science or art, or in questions as to identity of handwriting or finger impressions are relevant facts.

दृष्टान्त
(क) प्रश्न यह है कि क्या क की मृत्यु विष द्वारा कारित हुई।
जिस विष के बारे में अनुमान है कि उससे क की मृत्यु हुई है, उस विष से पैदा हुये लक्षणों के बारे में विशेषज्ञों में की रायें सुसंगत हैं।
(ख) प्रश्न यह है कि क्या क अमुक कार्य करने के समय चित्तविकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण या विधि के प्रतिकूल है, जानने में असमर्थ था।
इस प्रश्न पर विशेषज्ञों की रायें सुसंगत हैं कि क्या क द्वारा प्रदर्शित लक्षणों से चित्तविकृति सामान्यतः दर्शित होती है तथा क्या ऐसी चित्तविकृति लोगों को उन कार्यों की प्रकृति, जिन्हें वे करते हैं, या यह कि जो कुछ वे कर रहे हैं वह या तो दोषपूर्ण या विधि के प्रतिकूल है, जानने में प्राय: असमर्थ बना देती है।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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