नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 67 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 67, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 67 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 67 के अन्तर्गत यदि कोई दस्तावेज किसी व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित या पूर्णत: या भागतः लिखी गई अभिकथित है, तो यह साबित करना होगा कि वह हस्ताक्षर या उस दस्तावेज के उतने का हस्तलेख, जितने के बारे में यह अभिकथित है कि वह उस व्यक्ति के हस्तलेख में है, उसके हस्तलेख में है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 67 के अनुसार
जिस व्यक्ति के बारे में अभिकथित है कि उसने पेश की गई दस्तावेज को हस्ताक्षरित किया था या लिखा था उस व्यक्ति के हस्ताक्षर या हस्तलेख का साबित किया जाना—
यदि कोई दस्तावेज किसी व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित या पूर्णत: या भागतः लिखी गई अभिकथित है, तो यह साबित करना होगा कि वह हस्ताक्षर या उस दस्तावेज के उतने का हस्तलेख, जितने के बारे में यह अभिकथित है कि वह उस व्यक्ति के हस्तलेख में है, उसके हस्तलेख में है।
Proof of signature and handwriting of person alleged to have signed or written document produced-
If a document is alleged to be signed or to have been written wholly or in part by any person, the signature or the handwriting of so much of the document as is alleged to be in that person’s handwriting must be proved to be in his handwriting.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 67 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।