किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act Section-46) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 46 के अनुसार किसी बालक के अट्ठारह वर्ष आयु पूरी करने पर किसी बालक देखरेख संस्था को छोड़ने पर बालक को समाज की मुख्य धारा में पुनः लाने को सुकर बनाने के लिए ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी, जिसे JJ Act Section-46 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 46 (Juvenile Justice Act Section-46) का विवरण
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 46 JJ Act Section-46 के तहत किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) किसी बालक के अट्ठारह वर्ष आयु पूरी करने पर किसी बालक देखरेख संस्था को छोड़ने पर बालक को समाज की मुख्य धारा में पुनः लाने को सुकर बनाने के लिए ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 46 (JJ Act Section-46 in Hindi)
बालक देखरेख संस्थाओं को छोड़ने वाले बालकों की पश्चातवर्ती देखरेख–
किसी बालक के अट्ठारह वर्ष आयु पूरी करने पर किसी बालक देखरेख संस्था को छोड़ने पर बालक को समाज की मुख्य धारा में पुनः लाने को सुकर बनाने के लिए ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी ।
Juvenile Justice Act Section-46 (JJ Act Section-46 in English)
After care of children leaving child care institution–
Any child leaving a child care institution on completion of eighteen years of age may be provided with financial support in order to facilitate childs re-integration into the mainstream of the society in the manner as may be prescribed.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 46 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।