किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act) की धारा -6 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा-6 मे किसी बच्चे ने अपराध तब किया जब वह बच्चा 18 वर्ष का था, तो किशोर न्याय प्रक्रिया मे क्या बदलाव होगे, परिभाषित किया गया है।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 6 हिन्दी एवंम् अग्रेंजी मे
उस व्यक्ति का स्थानन, जिसने अपराध तब किया था जब वह व्यक्ति अठारह वर्ष से कम आयु का था- कोई भी व्यक्ति, जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी कर ली है, और जब वह अठारह वर्ष से कम आयु का था, अपराध करने के लिए पकड़ा गया, तो, ऐसे व्यक्ति को, इस धारा के प्रावधानों के अधीन, एक बच्चे के रूप में माना जाएगा पूछताछ की प्रक्रिया के दौरान। (2) उप-धारा (1) में निर्दिष्ट व्यक्ति, यदि बोर्ड द्वारा जमानत पर रिहा नहीं किया जाता है, तो उसे जांच की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के स्थान पर रखा जाएगा। (3) उप-धारा (1) में निर्दिष्ट व्यक्ति को इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत निर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार माना जाएगा। Placement of persons, who committed an offence, when person was below the age of eighteen years- (1) Any person, who has completed eighteen years of age, and is apprehended for committing an offence when he was below the age of eighteen years, then, such person shall, subject to the provisions of this section, be treated as a child during the process of inquiry. (2) The person referred to in sub-section (1), if not released on bail by the Board shall be placed in a place of safety during the process of inquiry. (3) The person referred to in sub-section (1) shall be treated as per the procedure specified under the provisions of this Act.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 6 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।