नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 88 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 88, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 88 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -88 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन कोई परमिट जो किसी एक प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण जिस प्रदेश में परमिट दिए गए हैं उससे बाहर उनका उपयोग किए जाने के लिए उनका विधिमान्यकरण तब तक विधिमान्य न होगा जब तक कि वह परमिट उस अन्य प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित न कर दिया गया हो।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 88 के अनुसार
जिस प्रदेश में परमिट दिए गए हैं उससे बाहर उनका उपयोग किए जाने के लिए उनका विधिमान्यकरण-
(1) जैसा कि अन्यथा विहित किया जाए उसके सिवाय, कोई परमिट जो किसी एक प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण ने दिया है, किसी अन्य प्रदेश में तब तक विधिमान्य न होगा जब तक कि वह परमिट उस अन्य प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित न कर दिया गया हो और वह परमिट, जो किसी एक राज्य में दिया गया है, किसी अन्य राज्य में तब तक विधिमान्य न होगा जब तक कि वह उस अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा या संबंधित प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित न कर दिया गया हो:
परन्तु माल वाहक परमिट, जो किसी एक प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण ने उसी राज्य में किसी अन्य प्रदेश या प्रदेशों में किसी क्षेत्र के लिए दिया है, संबंधित अन्य प्रदेश के या अन्य प्रदेशों में से हर एक के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के प्रतिहस्ताक्षर के बिना उस क्षेत्र में विधिमान्य होगा:
परन्तु यह और कि जहां किसी मार्ग के आरंभ होने का स्थान और समाप्त होने का स्थान एक ही राज्य में स्थित है, किन्तु ऐसे मार्ग का कुछ भाग किसी अन्य राज्य में पड़ता है और ऐसे भाग की लंबाई सोलह किलोमीटर से अधिक नहीं है वहां परमिट, इस बात के होते हुए भी कि वह परमिट उस अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण या प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नहीं है, मार्ग के उस भाग की बाबत, जो अन्य राज्य में पड़ता है, अन्य राज्य में विधिमान्य होगा:
परन्तु यह भी कि-
(क) जहां एक राज्य में दिए गए परमिट के अंतर्गत किसी मोटर यान का उपयोग किसी अन्य राज्य में रक्षा प्रयोजनों के लिए किया जाना है वहां वह यान ऐसे प्ररूप में और ऐसे प्राधिकारी द्वारा, जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट करे, जारी किया गया इस आशय का एक प्रमाण-पत्र प्रदर्शित करेगा कि उस यान का उपयोग उसमें विनिर्दिष्ट अवधि तक अनन्य रूप से रक्षा के प्रयोजनों के लिए किया जाएगा; और
(ख) ऐसा कोई परमिट उस अन्य राज्य में इस बात के होते हुए भी विधिमान्य होगा कि वह परमिट उस अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण या प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नहीं है।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी ऐसा परमिट, जो राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा दिया गया या प्रतिहस्ताक्षरित है, सम्पूर्ण राज्य भर के लिए या राज्य में ऐसे प्रदेशों के लिए, जो परमिट में विनिर्दिष्ट किए जाएं, विधिमान्य होगा ।
(3) प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण परमिट पर प्रतिहस्ताक्षर करते समय परमिट के साथ कोई भी ऐसी शर्त लगा सकेगा जो वह उस दशा में लगा सकता था जब वह परमिट उसी ने दिया होता तथा इसी प्रकार ऐसी किसी शर्त में परिवर्तन कर सकेगा जो उस प्राधिकरण ने उस परमिट के साथ लगाई थी जिसने वह परमिट दिया था।
(4) इस अध्याय के वे उपबंध, जो परमिटों के दिए जाने, प्रतिसंहरण और निलंबन से संबंधित हैं, परमिटों पर प्रतिहस्ताक्षर किए जाने, उनके प्रतिसंहरण और निलंबन के संबंध में लागू होंगे:
परन्तु जहां उपधारा (5) की अपेक्षाओं का अनुपालन करने के पश्चात् राज्यों के बीच हुए किसी करार के परिणामस्वरूप यह अपेक्षित है कि किसी एक राज्य में दिए गए परमिट अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण या संबंधित प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किए जाएं, वहां परमिटों को प्रतिहस्ताक्षरित करने के लिए धारा 80 में दी गई प्रक्रिया का अनुसरण करना आवश्यक न होगा।
(5) ऐसे परमिटों की संख्या नियत करने के लिए जिनको प्रत्येक मार्ग या क्षेत्र की बाबत दिए जाने या प्रतिहस्ताक्षर किए जाने की प्रस्थापना है, राज्यों के बीच करार करने की प्रत्येक प्रस्थापना, प्रत्येक संबंधित राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में और करार के अन्तर्गत प्रस्थापित क्षेत्र या मार्ग में परिचालित प्रादेशिक भाषा के किसी एक या अधिक समाचार-पत्र में प्रकाशित की जाएगी जिसके साथ उस तारीख की, जिसके पूर्व उनसे संबंधित अभ्यावेदन दिए जा सकेंगे और राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से तीस दिन से कम न होने वाली उस तारीख की, जिसको और उस प्राधिकारी की, जिसके द्वारा तथा उस समय और स्थान की सूचना भी होगी जहां प्रस्थापना और उनके संबंध में प्राप्त अभ्यावेदन पर विचार किया जाएगा।
(6) राज्यों के बीच हआ प्रत्येक करार जहां तक कि उसका संबंध परमिटों के प्रतिहस्ताक्षरित किए जाने से है, संबंधित राज्य सरकारों में से प्रत्येक द्वारा राजपत्र में और करार के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र या मार्ग में परिचालित प्रादेशिक भाषा के किसी एक या अधिक समाचार-पत्र में प्रकाशित किया जाएगा और उस राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण तथा संबंधित प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण उसे प्रभावी करेंगे।
(7) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी एक प्रदेश का प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण धारा 87 के अधीन ऐसा अस्थाई परमिट दे सकेगा, जो यथास्थिति, उस अन्य प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण की या उस अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण की साधारणतया दी गई या विशिष्ट अवसर के लिए दी गई सहमति से अन्य प्रदेश या राज्य में विधिमान्य होगा।
(8) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी किन्तु ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा इस अधिनियम के अधीन बनाए जाएं, यथास्थिति, किसी एक प्रदेश का प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण या राज्य परिवहन प्राधिकरण जनसाधारण की सुविधा के लिए धारा 72 के अधीन (जिसके अन्तर्गत आरक्षित मंजिली गाड़ी भी है) या धारा 74 या इस धारा की उपधारा (9) के अधीन दिए गए परमिट के अन्तर्गत आने वाले यान के संबंध में विशेष परमिट, यात्री या यात्रियों का भाड़े या पारिश्रमिक पर वहन ऐसी अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा के अधीन, मार्ग में ऐसे यात्रियों को जो उस संविदा में सम्मिलित नहीं हैं, चलाने या उतारने के लिए कहीं भी रुके बिना का उपयोग करने के लिए दे सकेगा और ऐसे प्रत्येक मामले में जिसमें ऐसा विशेष परमिट दिया गया है, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, उस यान पर संप्रदर्शित किए जाने के लिए ऐसे प्ररूप में और रीति से. जो केन्द्रीय सरकार विनिर्दिष्ट करे, उसे एक विशेष भिन्नता सूचक चिह्न देगा तथा ऐसा विशेष परमिट [ऐसा अनुज्ञापन किसी लोक सेवा यान जिसमें कोई भी यान सम्मिलित हो सकता है], यथास्थिति, उस अन्य प्रदेश के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के या उस अन्य राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकरण के प्रतिहस्ताक्षर के बिना उस अन्य प्रदेश या राज्य में विधिमान्य होगा।
(9) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा उपधारा (14) के अधीन बनाए जाएं, कोई राज्य परिवहन प्राधिकरण पर्यटन की अभिवृद्धि के प्रयोजन के लिए संपूर्ण भारत के लिए या ऐसे लगे राज्यों में जो कम से कम संख्या में तीन हों, जिसके अंतर्गत वह राज्य भी है जिसमें परमिट दिया गया है और जो आवेदन में उपदर्शित पसंद के अनुसार ऐसे परमिट में विनिर्दिष्ट किए जाएं, पर्यटन यानों की बाबत विधिमान्य परमिट दे सकेगा और धारा 73, धारा 74, धारा 80, धारा 81, धारा 82, धारा 83, धारा 84, धारा 85, धारा 86, [धारा 87 की उपधारा (1) का खंड (घ) और धारा 89] के उपबंध ऐसे परमिटों के संबंध में यथाशक्य लागू होंगे ।
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(11) उपधारा (9) के अधीन दिए गए प्रत्येक परमिट की निम्नलिखित शर्ते होंगी, अर्थात् :-
(i) प्रत्येक मोटर यान जिसकी बाबत ऐसा परमिट दिया गया है, ऐसे वर्णन के अनुरूप होगा, बैठने के स्थान, आराम, सुख-सुविधाओं और अन्य बातों के स्तर विषयक ऐसी अपेक्षाओं के अनुरूप होगा जो केन्द्रीय सरकार इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे;
(ii) ऐसे प्रत्येक मोटर यान को वह व्यक्ति चलाएगा जिसके पास ऐसी अर्हताएं हैं और जो ऐसी शर्तों को पूरा करता है जो केन्द्रीय सरकार विनिर्दिष्ट करे;
(iii) और ऐसी अन्य शर्ते जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएं।
(12) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जो केन्द्रीय सरकार द्वारा उपधारा (14) के अधीन बनाए जाएं, समुचित प्राधिकारी अधिक दूरी के अंतरराज्यिक सड़क परिवहन को बढ़ावा देने के प्रयोजन के लिए किसी राज्य में माल वाहकों की बाबत राष्ट्रीय परमिट दे सकेगा और धारा 69, 77, 79, 80, 81, 82, 83, 84, 85, 86 [धारा 87 की उपधारा (1) के खंड (घ) और धारा 89] के उपबंध राष्ट्रीय परमिटों के दिए जाने को या उनके संबंध में यथाशक्य लागू होंगे ।
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(14) (क) केन्द्रीय सरकार इस धारा के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम बना सकेगा।
(ख) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित सब बातों या उनमें से किसी के लिए उपबंध किया जा सकेगा, अर्थात्:-
(i) उपधारा (9) और उपधारा (12) में निर्दिष्ट कोई परमिट दिए जाने के लिए दी जाने वाली प्राधिकरण फीस;
(ii) मोटर यान का लदान सहित भार नियत किया जाना;
(iii) मोटर यान में ले जाए जाने वाली या उस पर प्रदर्शित की जाने वाली सुभेदक विशिष्टियां या चिह्न:
(iv) वह रंग या वे रंग जिनसे मोटर यान को रंगा जाना है;
(v) ऐसी अन्य बातें जो समुचित प्राधिकारी राष्ट्रीय परमिट देने में विचार करे।
Validation of permits for use outside region in which granted–
(1) Except as may be otherwise prescribed, a permit granted by the Regional Transport Authority of any one region shall not be valid in any other region, unless the permit has been countersigned by the Regional Transport Authority of that other region, and a permit granted in any one State shall not be valid in any other State unless countersigned by the State Transport Authority of that other State or by the Regional Transport Authority concerned :
Provided that a goods carriage permit, granted by the Regional Transport Authority of any one region, for any area in any other region or regions within the same State shall be valid in that area without the countersignature of the Regional Transport Authority of the other region or of each of the other regions concerned :
Provided further that where both the starting point and the terminal point of a route are situate within the same State, but part of such route lies in any other State and the length of such part does not exceed sixteen kilometers, the permit shall be valid in the other State in respect of that part of the route which is in that other State notwithstanding that such permit has not been countersigned by the State Transport Authority or the Regional Transport Authority of that other State :
Provided also that —
(a) where a motor vehicle covered by a permit granted in one State is to be used for the purposes of defence in any other State, such vehicle shall display a certificate, in such form, and issued by such Authority, as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, specify, to the effect that the vehicle shall be used for the period specified therein exclusively for the purposes of defence; and
(b) any such permit shall be valid in that other State notwithstanding that such permit has not been countersigned by the State Transport Authority or the Regional Transport Authority of that other State.
(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), a permit granted or countersigned by a State Transport Authority shall be valid in the whole State or in such regions within the state as may be specified in the permit.
(3) A Regional Transport Authority when countersigning the permit may attach to the permit any condition which it might have imposed if it had granted the permit and may likewise vary any condition attached to the permit by the authority by which the permit was granted.
(4) The provisions of this Chapter relating to the grant, revocation and suspension of permits shall apply to the grant, revocation and suspension of countersignatures of permits :
Provided that it shall not be necessary to follow the procedure laid down in section 80 for the grant of countersignatures of permits, where the permits granted in any one State are required to be countersigned by the State Transport Authority of another State or by the Regional Transport Authority concerned as a result of any agreement arrived at between the States after complying with the requirements of sub-section (5).
(5) Every proposal to enter into an agreement between the State to fix the number of permits which is proposed to be granted or countersigned in respect of each route or area, shall be published by each of the State Governments concerned in the Official Gazette and in any one or more of the newspapers in regional language circulating in the area or route proposed to be covered by the agreement together with a notice of the date before which representations in connection therewith may be submitted, and the date not being less than thirty days from the date of publication in the Official Gazette, on which, and the authority by which, and the time and place at which, the proposal and any representation received in connection therewith will be considered.
(6) Every agreement arrived at between the State shall, in so far as it relates to the grant of countersignature of permits, be published by each of the State Governments concerned in the Official Gazette and in any one or more of the newspapers in the regional language circulating in the area or route covered by the agreement and the State Transport Authority of the State and the Regional Transport Authority concerned shall give effect to it.
(7) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), a Regional Transport Authority of one region may issue a temporary permit under section 87 to be valid in another region or State with the concurrence, given generally or for the particular occasion, of the Regional Transport Authority of that other region or of the State Transport Authority of that other State, as the case may be.
(8) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), but subject to any rules that may be made under this Act by the Central Government, the Regional Transport Authority of any one region or, as the case may be, the State Transport Authority, may, for the convenience of the public, ‘[grant a special permit to any public service vehicle including any vehicle covered] by a permit issued under section 72 (including a reserve stage carriage) or under section 74 or under sub-section (9) of this section for carrying a passenger or passengers for hire or reward under a contract, express or implied, for the use of the vehicle as a whole without stopping to pick up or set down along the line of route passengers not included in the contract, and in every case where such special permit is granted, the Regional Transport Authority shall assign to the vehicle, for display thereon, a special distinguishing mark in the form and manner specified by the Central Government and such special permit shall be valid in any other region or State without the countersignature of the Regional Transport Authority of the other region or of the State Transport Authority of the other State, as the case may be.
(9) Notwithstanding anything contained in sub-section (1) but subject to any rules that may be made by the Central Government under sub-section (14), any State Transport Authority may, for the purpose of promoting tourism, grant permits in respect of tourist vehicles valid for the whole of India, or in such contiguous States not being less than three in number including the State in which the permit is issued as may be specified in such permit in accordance with the choice indicated in the application and the provisions of sections 73,74, 80, 81, 82, 83, 84, 85, 86 1 [clause (d) of sub-section (1) of section 87 and section 89) shall as far as may be, apply in relation to such permits.
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(11) The following shall be conditions of every permit granted under subsection (9), namely:-
(i) every motor vehicle in respect of which such permit is granted shall conform to such description, requirement regarding the seating capacity, standards of comforts, amenities and other matters, as the Central Government may specify in this behalf;
(ii) every such motor vehicle shall be driven by a person having such qualifications and satisfying such conditions as may be specified by the Central Government; and
(iii) such other conditions as may be prescribed by the Central Government.
(12) Notwithstanding anything contained in sub-section (1) but, subject to the rules that may be made by the Central Government under sub-section (14), the appropriate authority may, for the purpose of encouraging long distance inter-State road transport, grant in a State, national permits in respect of goods carriages and the provisions of sections 69, 77, 79, 80, 81, 82, 83, 84, 85, 86 [clause (d) of subsection (1) of section 87 and section 89] shall as far as may be, apply to or in relation to the grant of national permit.
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(14) (a) The Central Government may make rules for carrying out the provisions of this section.
(b) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:-
(i) the authorisation fee payable for the issue of a permit referred to in sub-sections (9) and (12);
(ii) the fixation of the laden weight of the motor vehicle;
(iii) the distinguishing particulars or marks to be carried or exhibited in or on the motor vehicle;
(iv) the colour or colours in which the motor vehicle is to be painted;
(v) such other matters as the appropriate authority shall consider in granting a national permit.
स्पष्टीकरण- इस धारा में–
(क) किसी राष्ट्रीय परमिट के संबंध में “समुचित प्राधिकारी” से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इस अधिनियम के अधीन माल वाहक परमिट देने के लिए प्राधिकृत है;
(ख) “प्राधिकरण फीस” से अभिप्रेत है एक हजार रुपए से अनधिक की वार्षिक फीस जो किसी राज्य का समुचित प्राधिकारी उपधारा (9) और उपधारा (12) में निर्दिष्ट परमिट के अंतर्गत आने वाले किसी मोटर यान का अन्य राज्यों में, संबंधित राज्यों द्वारा उद्गृहीत करों या फीसों, यदि कोई हों, के संदाय के अधीन रहते हुए, उपयोग करने को समर्थ बनाने के लिए प्रभारित कर सकेगा;
(ग) “राष्ट्रीय परमिट” से समुचित प्राधिकारी द्वारा माल वाहक गाड़ियों को दिया गया ऐसा परमिट अभिप्रेत है, जो उसे भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में अथवा जिस राज्य में वह परमिट दिया गया है उसको सम्मिलित करके एक दूसरे से लगे हुए कम से कम चार राज्यों में जो आवेदन में उपदर्शित पसंद के अनुसार ऐसे परमिट में विनिर्दिष्ट किए जाएं, चलाने के लिए है।
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 88 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।