भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-144) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 144 के अनुसार जहां कि कोई व्यक्ति इस संविदा पर प्रत्याभूति देता है कि लेनदार उस पर तब तक कार्य नहीं करेगा जब तक कि कोई अन्य व्यक्ति सह-प्रतिभू के रूप में उसमें सम्मिलित नहीं हो जाता, वहां यदि वह अन्य व्यक्ति सम्मिलित नहीं होता तो वह प्रत्याभूति विधिमान्य नहीं है, जिसे IC Act Section-144 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 144 (Indian Contract Act Section-144) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 144 IC Act Section-144 के अनुसार जहां कि कोई व्यक्ति इस संविदा पर प्रत्याभूति देता है कि लेनदार उस पर तब तक कार्य नहीं करेगा जब तक कि कोई अन्य व्यक्ति सह-प्रतिभू के रूप में उसमें सम्मिलित नहीं हो जाता, वहां यदि वह अन्य व्यक्ति सम्मिलित नहीं होता तो वह प्रत्याभूति विधिमान्य नहीं है।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 144 (IC Act Section-144 in Hindi)
इस संविदा पर प्रत्याभूति देना कि लेनदार उस पर तब तक कार्य नहीं करेगा जब तक सह-प्रतिभू सम्मिलित नहीं हो जाता-
जहां कि कोई व्यक्ति इस संविदा पर प्रत्याभूति देता है कि लेनदार उस पर तब तक कार्य नहीं करेगा जब तक कि कोई अन्य व्यक्ति सह-प्रतिभू के रूप में उसमें सम्मिलित नहीं हो जाता, वहां यदि वह अन्य व्यक्ति सम्मिलित नहीं होता तो वह प्रत्याभूति विधिमान्य नहीं है।
Indian Contract Act Section-144 (IC Act Section-144 in English)
Guarantee on contract that creditor shall not act on it until co-surety joins-
Where a person gives a guarantee upon a contract that the creditor shall not act upon it until another person has joined in it as co-surety, the guarantee is not valid if that other person does not join.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 144 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।