भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-194) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 194 के अनुसार जहां तक वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारबार में मालिक की ओर से कार्य करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को नामित करने का अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार रखता है, किसी अन्य व्यक्ति को तद्नुसार नामित कर देता है वहां ऐसा व्यक्ति उपाभिकर्ता नहीं है वरन्, वह अभिकरण के कारबार के ऐसे भाग के लिए, जो उसे सौंपा गया हो, मालिक का अभिकर्ता है, जिसे IC Act Section-194 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 194 (Indian Contract Act Section-194) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 194 IC Act Section-194 के अनुसार जहां तक वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारबार में मालिक की ओर से कार्य करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को नामित करने का अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार रखता है, किसी अन्य व्यक्ति को तद्नुसार नामित कर देता है वहां ऐसा व्यक्ति उपाभिकर्ता नहीं है वरन्, वह अभिकरण के कारबार के ऐसे भाग के लिए, जो उसे सौंपा गया हो, मालिक का अभिकर्ता है।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 194 (IC Act Section-194 in Hindi)
अभिकर्ता द्वारा अभिकरण के कारबार में कार्य करने के लिए सम्यक् रूप से नियुक्त व्यक्ति और मालिक के बीच का सम्बन्ध-
जहां तक वह अभिकर्ता, जो अभिकरण के कारबार में मालिक की ओर से कार्य करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को नामित करने का अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार रखता है, किसी अन्य व्यक्ति को तद्नुसार नामित कर देता है वहां ऐसा व्यक्ति उपाभिकर्ता नहीं है वरन्, वह अभिकरण के कारबार के ऐसे भाग के लिए, जो उसे सौंपा गया हो, मालिक का अभिकर्ता है।
दृष्टांत
(क) क अपने सालिसिटर ख को अपनी सम्पदा नीलाम द्वारा बेचने और उस प्रयोजन के लिए एक नीलामकर्ता नियोजित करने का निदेश देता है । ख विक्रय संचालन के लिए एक नीलामकर्ता ग को नामित करता है ग उपाभिकर्ता नहीं है वरन् विक्रय संचालन के लिए क का अभिकर्ता है।
(ख) क कलकत्ते के एक वणिक ख को ग एण्ड कम्पनी द्वारा अपने को शोध्य धन वसूल करने के लिए प्राधिकृत करता हैं सालिसिटर घ को ख उस धन की वसूली के लिए ग एण्ड कम्पनी के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने का आदेश लेता है। घ उपाभिकर्ता नहीं है वरन् क का सालिसिटर है।
Indian Contract Act Section-194 (IC Act Section-194 in English)
Relation between principal and person duly appointed by agent to act in business of agency-
Where an agent, holding an express or implied authority to name another person to act for the principal in the business of the agency, has named another person accordingly, such person is not a sub-agent, but an agent of the principal for such part of the business of the agency as is entrusted to him.
Illustrations
(a) A directs B, his solicitor, to sell his estate by auction, and to employ an auctioneer for the purpose. B names C, an auctioneer, to conduct the sale. C is not a sub-agent, but is A‟s agent for the conduct of the sale.
(b) A authorizes B, a merchant in Calcutta, to recover the moneys due to A from C & Co. B instructs D, a solicitor, to take legal proceedings against C & Co. for the recovery of the money. D is not a sub-agent, but is solicitor for A.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 194 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।