कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-37 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 37 के अनुसार किसी भ्रामक कथन या किसी विषय को सम्मिलित करने या लोप करने के कारण प्रभावित किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या व्यक्तियों के किसी संगम द्वारा, धारा 34 या धारा 35 या धारा 36 के अधीन कोई वाद फाइल किया जा सकेगा या कोई अन्य कार्रवाई की जा सकेगी, जिसे Companies Act Section-37 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 37 (Companies Act Section-37) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 37 Companies Act Section-37 के अनुसार किसी भ्रामक कथन या किसी विषय को सम्मिलित करने या लोप करने के कारण प्रभावित किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या व्यक्तियों के किसी संगम द्वारा, धारा 34 या धारा 35 या धारा 36 के अधीन कोई वाद फाइल किया जा सकेगा या कोई अन्य कार्रवाई की जा सकेगी।
कंपनी अधिनियम की धारा 37 (Companies Act Section-37 in Hindi)
प्रभावित व्यक्तियों द्वारा कार्रवाई-
प्रास्पेक्टस में किसी भ्रामक कथन या किसी विषय को सम्मिलित करने या लोप करने के कारण प्रभावित किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या व्यक्तियों के किसी संगम द्वारा, धारा 34 या धारा 35 या धारा 36 के अधीन कोई वाद फाइल किया जा सकेगा या कोई अन्य कार्रवाई की जा सकेगी।
Companies Act Section-37 (Company Act Section-37 in English)
Action by affected persons–
A suit may be filed or any other action may be taken under section 34 or section 35 or section 36 by any person, group of persons, or any association of persons affected by any misleading statement or the inclusion or omission of any matter in the prospectus.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 37 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।