नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 138 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 138 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 138 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 138 के अन्तर्गत यदि वह व्यक्ति, जिसके विरुद्ध धारा 133 के अधीन आदेश दिया गया है, हाजिर है और आदेश के विरुद्ध कारण दर्शित करता है तो ‘मजिस्ट्रेट उस मामले में उस प्रकार साक्ष्य लेगा जैसे समन मामले में लिया जाता है। यदि मजिस्ट्रेट का यह समाधान हो जाता है कि आदेश या तो जैसा मूलतः किया गया था उस रूप में या ऐसे परिवर्तन के साथ, जिसे वह आवश्यक समझे, युक्तियुक्त और उचित है तो वह आदेश, यथास्थिति, परिवर्तन के बिना या ऐसे परिवर्तन के सहित अन्तिम कर दिया जाएगा। यदि मजिस्ट्रेट का ऐसा समाधान नहीं होता है तो उस मामले में आगे कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
सीआरपीसी की धारा 138 के अनुसार
जहां वह कारण दर्शित करने के लिए हाजिर है वहां प्रक्रिया-
(1) यदि वह व्यक्ति, जिसके विरुद्ध धारा 133 के अधीन आदेश दिया गया है, हाजिर है और आदेश के विरुद्ध कारण दर्शित करता है तो ‘मजिस्ट्रेट उस मामले में उस प्रकार साक्ष्य लेगा जैसे समन मामले में लिया जाता है।
(2) यदि मजिस्ट्रेट का यह समाधान हो जाता है कि आदेश या तो जैसा मूलतः किया गया था उस रूप में या ऐसे परिवर्तन के साथ, जिसे वह आवश्यक समझे, युक्तियुक्त और उचित है तो वह आदेश, यथास्थिति, परिवर्तन के बिना या ऐसे परिवर्तन के सहित अन्तिम कर दिया जाएगा।
(3) यदि मजिस्ट्रेट का ऐसा समाधान नहीं होता है तो उस मामले में आगे कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
Procedure where he appears to show cause-
(1) If the person against whom an order under Section 133 is made appears and shows cause against the order, the Magistrate shall take evidence in the matter as in a summons case.
(2) If the Magistrate is satisfied that the order, either as originally made or subject to such modification as he considers necessary, is reasonable and proper, the order shall be made absolute without modification or, as the case may be, with such modification.
(3) If the Magistrate is not so satisfied, no further proceedings shall be taken in the case.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 138 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।