नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 226 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 226 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 226 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 226 के अन्तर्गत जब अभियुक्त धारा 209 के अधीन मामले की सुपुर्दगी के अनुसरण में न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है तब अभियोजक अपने मामले का कथन, अभियुक्त के विरुद्ध लगाए गए आरोप का वर्णन करते हुए और यह बताते हुए आरम्भ करेगा कि वह अभियुक्त के दोष को किस साक्ष्य से साबित करने की प्रस्थापना करता है।
सीआरपीसी की धारा 226 के अनुसार
अभियोजन के मामले के कथन का आरम्भ-
जब अभियुक्त धारा 209 के अधीन मामले की सुपुर्दगी के अनुसरण में न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है तब अभियोजक अपने मामले का कथन, अभियुक्त के विरुद्ध लगाए गए आरोप का वर्णन करते हुए और यह बताते हुए आरम्भ करेगा कि वह अभियुक्त के दोष को किस साक्ष्य से साबित करने की प्रस्थापना करता है।
Opening case for prosecution-
When the accused appears or is brought before the Court in pursuance of a commitment of the case under Section 209, the prosecutor shall open his case by describing the charge brought against the accused and stating by what evidence he proposes to prove the guilt of the accused.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 226 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।