नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 284 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 284 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 284 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 284 के अन्तर्गत जब कभी इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही के अनुक्रम में, न्यायालय या मजिस्ट्रेट को प्रतीत होता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह आवश्यक है कि किसी साक्षी की परीक्षा की जाए और ऐसे साक्षी की हाजिरी इतने विलम्ब, व्यय या असुविधा के बिना, जितनी मामले की परिस्थितियों में अनुचित होगी, नहीं कराई जा सकती है तब न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसी हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकता है और साक्षी की परीक्षा की जाने के लिए इस अध्याय के उपबन्धों के अनुसार कमीशन जारी कर सकता है, परन्तु जहां न्याय के उद्देश्यों के लिए भारत के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल या किसी संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक की साक्षी के रूप में परीक्षा करना आवश्यक है वहां ऐसे साक्षी की परीक्षा करने के लिए कमीशन जारी किया जाएगा। न्यायालय अभियोजन के किसी साक्षी की परीक्षा के लिए कमीशन जारी करते समय यह निदेश दे सकता है कि प्लीडर की फीस सहित ऐसी रकम जो न्यायालय अभियुक्त के व्ययों की पूर्ति के लिए उचित समझे, अभियोजन द्वारा दी जाए।
सीआरपीसी की धारा 284 के अनुसार
कब साक्षियों को हाजिर होने से अभिमुक्ति दी जाए और कमीशन जारी किया जाए-
(1) जब कभी इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही के अनुक्रम में, न्यायालय या मजिस्ट्रेट को प्रतीत होता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह आवश्यक है कि किसी साक्षी की परीक्षा की जाए और ऐसे साक्षी की हाजिरी इतने विलम्ब, व्यय या असुविधा के बिना, जितनी मामले की परिस्थितियों में अनुचित होगी, नहीं कराई जा सकती है तब न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसी हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकता है और साक्षी की परीक्षा की जाने के लिए इस अध्याय के उपबन्धों के अनुसार कमीशन जारी कर सकता है :
परन्तु जहां न्याय के उद्देश्यों के लिए भारत के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल या किसी संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासक की साक्षी के रूप में परीक्षा करना आवश्यक है वहां ऐसे साक्षी की परीक्षा करने के लिए कमीशन जारी किया जाएगा।
(2) न्यायालय अभियोजन के किसी साक्षी की परीक्षा के लिए कमीशन जारी करते समय यह निदेश दे सकता है कि प्लीडर की फीस सहित ऐसी रकम जो न्यायालय अभियुक्त के व्ययों की पूर्ति के लिए उचित समझे, अभियोजन द्वारा दी जाए।
When attendance of witness may be dispensed with and commission issued-
(1) Whenever, in the course of any inquiry, trial or other proceeding under this Code, it appears to a Court or Magistrate that the examination of a witness is necessary for the ends of justice, and that the attendance of such witness cannot be procured without an amount of delay, expense or inconvenience which, under the circumstances of the case, would be unreasonable, the Court or Magistrate may dispense with such attendance and may issue a commission for the examination of the witness in accordance with the provisions of this Chapter :
Provided that where the examination of the President or the Vice-President of India or the Governor of a State or the Administrator of a Union territory as a witness is necessary for the ends of justice, a commission shall be issued for the examination of such a witness.
(2) The Court may, when issuing a commission for the examination of a witness for the prosecution, direct that such amount as the Court considers reasonable to meet the expenses of the accused, including the pleader’s fees, be paid by the prosecution.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 284 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।