जीएसटी मे नये वित्तीय वर्ष 2021-2022 के शुरूआत होते जीएसटी मे महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है, जिसके चलते सभी करदाताओ को अपने व्यापार को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी करने होगें । आइये जानते है ऐसे क्या बदलाव हुये है ।
पहला बदलाव- रेगूलर करदाताओ को बिल बनाते समय वस्तु का HSN Code डालना अब दिनांक 01 अप्रैल 2021 से अनिवार्य हो गया है । बिल बनाते समय कितने अंको का HSN Code डालना अनिवार्य किया गया है। आइये जानते है-
यदि किसी करदाता का वार्षिक टर्नओवर पांच करोड से नीचे है, तो उन करदाताओं को 4 अंको का HSN Code अपने जीएसटी इनवायस बनाते समय डालना अनिवार्य होगा।
और यदि किसी करदाता का वार्षिक टर्नओवर पांच करोड से ऊपर है, तो उन करदाताओं को 6 अंको का HSN Code अपने जीएसटी इनवायस बनाते समय डालना अनिवार्य होगा।
दूसरा बदलाव- जिन करदाताओ का वार्षिक टर्नओवर 50 करोड से अधिक है, उन करदाताओ को ई-इनवायस जारी करना 01 अप्रैल 2021 से अनिवार्य हो गया है।
तीसरा बदलाव- जीएसटी मे रिफण्ड के लिये पहले अधिकतम् समय 1 वर्ष मे पूर्ण करना अनिवार्य होता था, लेकिन 01 अप्रैल से अधिकतम् समय बढाकर 2 वर्ष तक की प्रकिया पूर्ण करनी होगी, जैसा कि रिफण्ड वित्तीय वर्ष 2018-19 का दावा 31.03.2021 पूर्ण करना अनिवार्य होगा।
चौथा बदलाव- जीएसटी मे हम जीएसटीआर-1 भरते समय HSN Code डालना अब दिनांक 01 अप्रैल 2021 से अनिवार्य हो गया है। यदि किसी करदाता ने अपनी जीएसटी रिर्टन जीएसटीआर-1 मे HSN Code नही डाला है, तो क्रेता को आईटीसी का लाभ नही प्राप्त होगा।