भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 129 | Indian Contract Act Section 129

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-129) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 129 के अनुसार वह प्रतिभूति जिसका विस्तार संव्यवहारों की किसी आवली पर हो “चलत प्रत्याभूति कहलाती है, जिसे IC Act Section-129 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 129 (Indian Contract Act Section-129) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 129 IC Act Section-129 के अनुसार वह प्रतिभूति जिसका विस्तार संव्यवहारों की किसी आवली पर हो “चलत प्रत्याभूति कहलाती है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 129 (IC Act Section-129 in Hindi)

चलत प्रत्याभूति-

वह प्रतिभूति जिसका विस्तार संव्यवहारों की किसी आवली पर हो “चलत प्रत्याभूति कहलाती है।
दृष्टांत
(क) क इस बात के प्रतिफलस्वरूप कि ख अपनी जमींदारी के भाटकों का संग्रह करने के लिए ग को नौकर रखेगा ग द्वारा उन भाटकों के सम्यक् संग्रह और संदाय के लिए 5,000 रुपए की रकम तक उत्तरदायी होने का ख को वचन देता है । यह चलत प्रत्याभूति है।
(ख) क एक चाय के व्यापारी ख को, उस चाय के लिए, जिसका वह ग को समय-समय पर प्रदाय करे, 100 पौंड तक की रकम का संदाय करने की प्रत्याभूति देता है । ग को ख उपर्युक्त 100 पौंड से अधिक मूल्य की चाय का प्रदाय करता है और ग उसके लिए ख को संदाय कर देता है। तत्पश्चात् ग को ख 200 पौंड मूल्य की चाय का प्रदाय करता है । ग संदाय करने में असफल रहता है । क द्वारा दी गई प्रत्याभूति चलत प्रत्याभूति थी, और तद्नुसार वह ख के प्रति 100 पौंड तक का दायी है।
(ग) ख द्वारा ग को परिदत्त किए जाने वाले आटे के पांच बोरों की कीमत के, जो एक मास में दी जानी है. संदाय के लिए ख को क प्रत्याभूति देता है । ग को ख पांच बोरे परिदत्त करता है । ग उनके लिए संदाय कर देता है । ख तत्पश्चात् ग को चार बोरे देता है जिसका संदाय ग नहीं करता है। क द्वारा दी गई प्रत्याभूति चलत प्रत्याभूति नहीं थी और इसलिए वह उन चार बोरों की कीमत के लिए दायी नहीं है।

Indian Contract Act Section-129 (IC Act Section-129 in English)

Continuing guarantee-

A guarantee which extends to a series of transactions, is called a “continuing guarantee”.
Illustrations
(a) A, in consideration that B will employ C in collecting the rent of B‟s zamindari, promises B to be responsible, to the amount of 5,000 rupees, for the due collection and payment by C of those rents. This is a continuing guarantee.
(b) A guarantees payment to B, a tea-dealer, to the amount of £ 100, for any tea he may from time to time supply to C. B supplies C with tea to above the value of £ 100, and C pays B for it. Afterwards, B supplies C with tea to the value of £ 200. C fails to pay. The guarantee given by A was a continuing guarantee, and he is accordingly liable to B to the extent of £ 100.
(c) A guarantees payment to B of the price of five sacks of flour to be delivered by B to C and to be paid for in a month. B delivers five sacks to C. C pays for them. Afterwards B delivers four sacks to C, which C does riot pay for. The guarantee given by A was not a continuing guarantee, and accordingly he is not liable for the price of the four sacks.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 129 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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