नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 36 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 36, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 36 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 36 के अन्तर्गत विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के वे कथन, जो प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो लोक विक्रय के लिये साधारणतः प्रस्थापित किये जाते हैं, अथवा केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के प्राधिकार के अधीन बनाये गये मानचित्रों या रेखांकों में किये गये हैं, उन विषयों के बारे में, जो ऐसे मानचित्रों, चार्टी या रेखांकों में प्रायः रूपित या कथित होते हैं, स्वयं सुसंगत तथ्य हैं।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 36 के अनुसार
मानचित्रों, चार्टों और रेखांकों के कथनों की सुसंगति-
विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के वे कथन, जो प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो लोक विक्रय के लिये साधारणतः प्रस्थापित किये जाते हैं, अथवा केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के प्राधिकार के अधीन बनाये गये मानचित्रों या रेखांकों में किये गये हैं, उन विषयों के बारे में, जो ऐसे मानचित्रों, चार्टी या रेखांकों में प्रायः रूपित या कथित होते हैं, स्वयं सुसंगत तथ्य हैं।
Relevancy of statements in maps, charts and plans-
Statements of facts in issue or relevant facts, made in published maps or charts generally offered for public sale, or in maps or plans made under the authority of the Central Government or any State Government, as to matters usually represented or stated in such maps, charts or plans, are themselves relevant facts.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 36 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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