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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 49 | प्रथाओं, सिद्धान्तों आदि के बारे में रायें कब सुसंगत हैं | Indian Evidence Act Section- 49 in hindi| Opinions as to usages, tenets, etc, when relevant.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 49 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 49, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 49 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 49 के अन्तर्गत जब न्यायालय मनुष्यों के किसी निकाय या कुटुम्ब की प्रथाओं या सिद्धान्तों के, किसी धार्मिक या खैराती प्रतिष्ठान के संविधान और शासन के, अथवा विशिष्ट जिले में या विशिष्ट वर्गों के लोगों द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले शब्दों या पदों के अर्थों के, बारे में राय बनानी हो, तब उनके सम्बन्ध में ज्ञान के विशेष साधन रखने वाले व्यक्तियों की रायें सुसंगत तथ्य हैं।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 49 के अनुसार

प्रथाओं, सिद्धान्तों आदि के बारे में रायें कब सुसंगत हैं—

जबकि न्यायालय को मनुष्यों के किसी निकाय या कुटुम्ब की प्रथाओं या सिद्धान्तों के, किसी धार्मिक या खैराती प्रतिष्ठान के संविधान और शासन के, अथवा विशिष्ट जिले में या विशिष्ट वर्गों के लोगों द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले शब्दों या पदों के अर्थों के, बारे में राय बनानी हो, तब उनके सम्बन्ध में ज्ञान के विशेष साधन रखने वाले व्यक्तियों की रायें सुसंगत तथ्य हैं।

Opinions as to usages, tenets, etc, when relevant-
When the Court has to form an opinion as to the usages and tenets of any body of men or family. the constitution and government of any religious or charitable foundation, or the meaning of words or terms used in particular districts or by particular classes of people,
the opinions of persons having special means of knowledge thereon, are relevant facts.

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 49 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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