भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-181) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 181 के अनुसार ऐसे किसी बाद में अनुतोष या प्रतिकर के तौर पर जो कुछ भी अभिप्राप्त किया जाए, वह्, जहाँ पर कि उपनिधाता और उपनिहिती के बीच का सम्बन्ध है, उनके अपने-अपने हितों के अनुसार बरता जाएगा, जिसे IC Act Section-181 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 181 (Indian Contract Act Section-181) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 181 IC Act Section-181 के अनुसार ऐसे किसी बाद में अनुतोष या प्रतिकर के तौर पर जो कुछ भी अभिप्राप्त किया जाए, वह्, जहाँ पर कि उपनिधाता और उपनिहिती के बीच का सम्बन्ध है, उनके अपने-अपने हितों के अनुसार बरता जाएगा।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 181 (IC Act Section-181 in Hindi)
ऐसे वादों से अभिप्राप्त अनुतोष या प्रतिकर का प्रभाजन-
ऐसे किसी बाद में अनुतोष या प्रतिकर के तौर पर जो कुछ भी अभिप्राप्त किया जाए, वह्, जहाँ पर कि उपनिधाता और उपनिहिती के बीच का सम्बन्ध है, उनके अपने-अपने हितों के अनुसार बरता जाएगा।
Indian Contract Act Section-181 (IC Act Section-181 in English)
Apportionment of relief or compensation obtained by such suits-
Whatever is obtained by way of relief or compensation in any such suit shall, as between the bailor and the bailee, be dealt with according to their respective interests.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 181 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।